history sheeter Niranjan Meena : दौसा। जिले में एक बार फिर गैंगवार की घटना सामने आई है। मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में दो गुटों के बीच जारी वर्चस्व की जंग में हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना उर्फ घुंडा की मौत हो गई है। बदमाशों ने देर रात निरंजन मीणा की पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को मीन भगवान मंदिर के पास पटककर चले गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस सुबह हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना को लेकर सिकराय अस्पताल पहुंची। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शव को दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
डीएसपी दीपक मीणा ने बताया कि मंगलवार रात साढ़े 10 बजे मीन भगवान मंदिर के पास हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना का शव पड़ा मिला। उसे सिकराय अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट किया गया। जहां पर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। बता दें कि निरंजन मीना उर्फ घुंडा बालाजी पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 24 से ज्यादा मामले दर्ज है।
परिजनों ने किया शव लेने से इनकार
इधर, हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना की मौत के बाद मीन भगवान मंदिर पर ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। गुस्साएं लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। वहीं, परिजनों ने भी शव लेने से इनकार कर दिया है। परिजनों का कहना है कि पहले आरोपियों की गिरफ्तारी हो, उसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। ग्रामीणों का आरोप है कि आरोपियों ने थाने की जमीन पर ही कब्जा कर रखा है। वह जमीन भी आरोपियों से कब्जा मुक्त होनी चाहिए। साथ ही सवाल उठाए कि जब पुलिस खुद की रजिस्टर्ड जमीन खाली नहीं करा सकती हैं तो फिर आरोपियों को कैसे गिरफ्तार करेंगी। विवाद बढ़ता देख थाने के तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर जमा है और लोगों से समझाइश करने में जुटे हुए है। लेकिन, परिजन व ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए है।
हत्या मामले में दो आरोपियों के नाम आए सामने
थाना प्रभारी अजीत बड़सरा में बताया कि हिस्ट्रीशीटर की हत्या मामले में सीताराम मीना निवासी मेहंदीपुर बालाजी और यादराम बैरवा उर्फ रंगा निवासी टोडाभीम का नाम सामने आया है। पुलिस इन दोनों की तलाश में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त को किसी बात को लेकर यादराम बैरवा से हिस्ट्रीशीटर निरंजन का विवाद हो गया था। जिस पर यादराम के साथी सीताराम मीना ने निरंजन को धमकी दी। गुस्से में हिस्ट्रीशीटर निरंजन ने अपने साथियों के साथ मिलकर रात को सीताराम और यादराम पर हमला कर दिया। इस मामले में 3 अगस्त को बालाजी थाने में मामला दर्ज हुआ था। माना जा रहा है कि इसी विवाद को लेकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है।
हिस्ट्रीशीटर ने दी थी सीताराम को गाली, वीडियो वायरल
हत्या की वादरात से करीब 9 घंटे पहले ही हिस्ट्रीशीटर मीना ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर सीताराम को गाली दी थी। इस धमकी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था। वीडियो में हिस्ट्रीशीटर मीना बांदीकुई-बालाजी के बीच चलने वाली गाड़ियों से वसूली के बारे में कहता दिखाई दे रहा था। साथ ही पिस्टल लहराते हुए सीताराम को जान से मारने की धमकी दे रहा था। हिस्ट्रीशीटर ने कहा कि था या तो मेरे वाट्सऐप पर मुझसे माफी मांग ले, नहीं तो तुझे और तेरे बाप को गोली मार दूंगा। माना जा रहा है कि इस धमकी के बाद ही सीताराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर हिस्ट्रीशीटर को मौत के घाट उतार दिया।
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