ED Raid on Meghraj Singh: राजस्थान में बजरी का अवैध खनन का मुद्दा पिछले कई सालों गरम है जहां चुनावों से पहले राजनीतिक दल एक दूसरे पर इसको लेकर बयानबाजी करते हैं. वहीं पिछली गहलोत सरकार हो या चाहे इससे पहले वसुंधरा सरकार दोनों ही सरकारों में बजरी के अवैध खनन की चर्चा होने पर एक कारोबारी का नाम लगातार सामने आता रहा. बीते बुधवार को सुबह केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने राज्य के कई शहरों में रेड मारी और पता चला कि ईडी की टीम ने खनन और होटल कारोबारी मेघराज सिंह शेखावत के ठिकानों पर पहुंची है.
मेघराज के जयपुर आवास सहित, नागौर, उदयपुर, जैसलमेर के कई ठिकानों पर दबिश दी गई. दरअसल करोड़ों की अकूत संपत्ति वाले मेघराज सिंह के बीजेपी और कांग्रेस दोनों के साथ मधुर संबंध है ऐसे में ईडी की छापेमारी के बाद सूबे की सियासत में भूचाल नहीं आया.
इधर बुधवार को मेघराज के ठिकानों तक ED पहुंचते ही हनुमान बेनीवाल का नाम भी चर्चा में आ गया क्योंकि बताया जा रहा है कि इस पूरी कार्रवाई के पीछे हनुमान बेनीवाल की खास भूमिका है जिसका दावा खुद बेनीवाल ही कर रहे हैं. बेनीवाल ने बताया कि राजस्थान में बजरी के अवैध खनन के खिलाफ उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ कुछ दस्तावेज वित्त सचिव को सौंपे थे और वह बजरी के मुद्दे को संसद और विधानसभा में लगातार उठाते रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन है मेघराज सिंह शेखावत और उनके ठिकानों पर ईडी रेड में हनुमान बेनीवाल की क्या भूमिका है?
बजरी माफिया के खिलाफ लगातार सक्रिय बेनीवाल
मेघराज सिंह पर ईडी की रेड के बाद बेनीवाल ने कहा है कि बजरी माफिया के विरुद्ध उनके आंदोलन और सरकार से हुई वार्ता के बाद अब ईडी ने रेड मारी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक कथित बजरी माफिया के चलते अरबों के राजस्व का नुकसान हुआ है जिसके बाद अब इसमें ईडी की एंट्री हुई है.
बेनीवाल ने आगे कहा कि ईडी को बजरी माफिया और उनसे मिलीभगत वाले नेताओं की भी गहनता से जांच करनी चाहिए. बताया जा रहा है कि राजस्थान में बजरी के अवैध खनन के खिलाफ बेनीवाल ने ही कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ जरूरी दस्तावेज वित्त सचिव को सौंपे थे जिसके बाद ईडी की रेड की कार्रवाई हुई है.
कोई कहता है भामाशाह तो कोई बजरी माफिया
बता दें कि मेघराज सिंह शेखावत राजस्थान के बजरी और पर्यटन व्यवसाय से जुड़ा बड़ा नाम है और वो मेघराज सा या मेघराज सिंह रॉयल के नाम से जाने जाते हैं. सिंह मूलत: राजस्थान के सीकर के रिंगस के पास रॉयल गांव के रहने वाले हैं और इनका ससुराल नागौर के चिन्दालिया गांव में है.
वहीं मेघराज का जैसलमेर से पुराना नाता रहा है और इनको करीब से जानने वाले कहते हैं कि करीब 37 साल पहले उन्होंने जैसलमेर से ही पर्यटन व्यवसाय की शुरूआत की थी. हालांकि मेघराज सिंह कई क्षेत्रों में बिजनेस करते हैं लेकिन बजरी खनन और पर्यटन उनका मुख्य कारोबार है.
राजस्थान की सियासत में मेघराज जाना पहचाना नाम है और प्रदेश में सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस ही सिंह के संबंध दोनों से ही अच्छे रहे हैं. बताया जाता है कि बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े चेहरे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मेघराज के साथ जुड़े हुए हैं.