Indira Rasoi : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही वर्तमान में संचालित 358 इंदिरा रसोइयों सहित प्रदेश में अब इन रसोइयों की कुल संख्या 870 हो जाएगी। गहलोत ने 20 अगस्त 2020 को प्रदेश में ‘कोई भूखा ना सोय’ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर 213 नगरीय निकायों में 358 स्थाई रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया था। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति की तरफ से रसोई संचालन के लिए 300 से अधिक सेवाभावी संस्थाओं अथवा एनजीओ का चयन किया जाता है।
250 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान
वर्तमान में 358 रसोइयां संचालित हैं, जिन्हें बजट घोषणा में बढ़ाकर 1000 किया गया है। योजनान्तर्गत प्रतिवर 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जिसे वित्तीय वर 2022-23 की बजट घोषणा में बढ़ाकर 250 करोड़ रुपए किया गया। योजना के तहत अनुदान के लिए 50 प्रतिशत राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान तथा शेष 50 प्रतिशत प्रथमतया मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से दी जाती है। रसोइयों में आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपए की प्रति रसोई एकमुश्त राशि तथा आवर्ती संरचना के लिए प्रति रसोई प्रतिवर 3 लाख रुपए दिए जाते है।
जरूरतमंदों को मिल रही राहत
इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूतमन्दों को 8 रुपए में एक समय का भोजन दिया जाता है। जरूरतमन्दों को स्थाई रसोइयों में सम्मानपूर्वक बैठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय का शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है। योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली 12 रुपए अनुदान दिया गया, जिसे बढ़ाकर 1 जनवरी, 2022 से 17 रुपए प्रति थाली किया है। रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य यथा बिजली, पानी, इन्टरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा एवं मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए अग्रिम दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
भोजन की 7 करोड़ थालियां परोसी
योजना के तहत जिलास्तरीय समन्वय समिति की पूर्वानुमति से एक्सटेन्शन काउन्टर बनाकर भी भोजन वितरण किए जाने का प्रावधान है। अब तक योजनान्तर्गत 7.01 करोड़ भोजन थाली परोसी जा चुकी हैं, जो की लक्ष्य का 72.32 प्रतिशत है। 1000 रसोइयों के संचालित होने पर प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली परोसी जाकर व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सके गा।
पैंतीस हजार से अधिक भामाशाहों ने किया योगदान इंदिरा रसोई में भोजन मैन्यू में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार परोसा जाता है। लाभार्थियों के लिए परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिन वा अन्य किसी उपलक्ष्य में भोजन प्रायोजित करने की व्यवस्था योजनान्तर्गत अब तक 35 हजार, 325 भामाशाहों द्वारा भोजन प्रायोजित किया जा चुका है।
ये है इंदिरा रसोई का मैन्यू
पैंतीस हजार से अधिक भामाशाहों ने किया योगदान इंदिरा रसोई में भोजन मैन्यू में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार परोसा जाता है। लाभार्थियों के लिए परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिन वा अन्य किसी उपलक्ष्य में भोजन प्रायोजित करने की व्यवस्था योजनान्तर्गत अब तक 35 हजार, 325 भामाशाहों द्वारा भोजन प्रायोजित किया जा चुका है।
इंदिरा रसोई में प्रारम्भ से अंत तक पेपर लेस कार्य
इंदिरा रसोई में प्रारम्भ से अंत तक पेपर लेस कार्य एवं इस के लिए इन्दिरा रसोई वेब पोर्टल, वेबसाइट विकसित किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग कर लाभार्थियों के वास्तविक फोटो इन्दिरा रसोई पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं। लाभार्थी के मोबाइल पर मैसेज एवं स्टे कॉल सेन्टर से लाभार्थियों से नियमित फीडबैक तथा रसोई एजेन्सी द्वारा आधार ऑथेंटिके शन की प्रक्रिया से ऑनलाइन इनवॉइस जनरेशन एवं ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की जाती है।
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