(निरंजन चौधरी) : जयपुर। सरकार की ओर से पर्यटन स्थलों पर सुविधा के लिए शुरू की जा रही ई टिकटिंग पर्यटकों की जेब पर भारी साबित हो रही है। इतना ही नहीं नई पॉलिसी से इन प्राइवेट फर्मों को सरकार की ओर से भी हर महीने लाखों रुपए का कमीशन दिया जाएगा। इसके अलावा विभाग की तरफ से पर्यटकों को सहूलियत देने के तमाम दावे ट्रायल में ही फेल नजर आ रहे हैं।
दरअसल, पुरातत्व विभाग और डीओआईटी ने मिलकर राजधानी के सभी स्मारकों पर ई-टिकटिंग के लिए तीन प्राइवेट फर्मों को ठेका दिया है जो आगामी समय में ई- मित्र की सहायता से यहां टिकिट काटेंगी। इसके लिए सरकार की ओर से इनको पूरी कमाई का 2.5 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। इधर, फार्मों ने ट्रायल शुरू होते ही टिकिट शुल्क तो बढ़ा दिया, मगर इनकी तरफ से पर्यटकों की सुविधा के लिए कोई तैयारी ही नहीं की गई।
प्रशासन का दावा, नहीं करना पड़ेगा इंतजार
नई व्यवस्था लागू होने के बाद प्रशासन दावा कर रहा है कि टिकट खिड़की पर पर्यटकों को टिकट लेने में इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रायल में ही यह फेल साबित हो रहा है। मंगलवार को बाकी दिनों के बजाय कम पर्यटक आने के बाद भी दिनभर कई बार टिकट खिड़की पर पर्यटकों की भीड़ नजर आई। इसका एक प्रमुख कारण ऑनलाइन पेमेंट में लगने वाला समय और दूसरा टिकट खिड़की पर कम अनुभवी वेंडर का होना है।
टिकट पर बढ़ाए 2 रुपए
पुरातत्व विभाग के राजधानी स्थित सभी स्मारकों का टिकिट 2 रुपए बढ़ाया गया है। यहां आमेर में स्टूडेंट का टिकिट 20 रुपए का मिल रहा था जो मंगलवार से बढ़कर 22 का हो गया। इसके अलावा भारतीय टिकट बढ़कर 102, विदेशी 502, विदेशी स्टूडेंट का टिकट 152 हो गया है। इधर, टिकिट बढ़ाने के पीछे ईमित्र चार्ज का हवाला दिया जा रहा है, गौरतलब है कि पिछले दिनों यहां मशीन से भी टिकट काटे जा रहे थे।
टिकट चार्ज तो बढ़ाया मगर कई खामियां
पुरातत्व विभाग के स्मारकों पर निजी फर्मों की ओर से टिकट शुल्क बढ़ाकर ट्रायल तो शुरू किया गया। मगर, ट्रायल के कम्पोजिट टिकिट का कोई ऑप्शन ही नहीं है। इसके अलावा टिकट पर कहीं भी समय नहीं अंकित किया जा रहा है, ऐसे में एक ही टिकट को चालाकी से दिन में कई बार यूज किया जा सकता है। इसके अलावा स्मारकों पर अभी क्यूआर कोड स्कैनर भी नहीं है।
इन फर्मों को मिला ठेका : राजधानी स्थित पर्यटन स्थलों पर मंगलवार से अक्ष ऑप्टीफायबर लिमिटेड कं पनी ने टिकट काटे। एसवीजी और रमन ट्रेडर्स ने भी सैंपल के तौर पर दो-दो टिकट काटे गए।
एक करोड़ से ज्यादा की कमाई : ठेके वाली फर्म पर्यटकों से ई मित्र चार्ज के नाम पर करीब 60 लाख कमाएंगी, वहीं विभाग से कमिशन के नाम पर फर्मों को करीब 75 लाख की कमाई होगी।
बिना जवाब दिए काट दिया फोन : इस बारे में जब पुरातत्व विभाग के निदेशक महेंद्र सिहं खड़गावत से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा जो भी बात करनी है डीओआईटी से करिए और फोन काट दिया।
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