जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में हुई कुमावत समाज की महापंचायत में मंच से ओबीसी आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की गई। इसके साथ ही विभिन्न पार्टियों से समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में समाज को दस-दस और लोकसभा चुनाव में दो टिकट दिए जाएं।
कुमावत समाज मेवाड़ का रक्षक
महापंचायत (Kumawat Mahapanchayat) में मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om birla) ने कुमावत समाज को मेवाड़ का रक्षक बताया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को शिक्षित बनाना ज़रूरी है। कुमावत समाज से बुद्धिमान कोई नहीं हो सकता। आज दुनिया भर के लोग मूर्ति लेने जयपुर आते हैं। मंदिरों की चित्रकला में कहीं न कहीं कुमावत समाज की कला है। बिरला ने कहा कि आगामी समय में प्रदेश के गांव का बच्चा शिल्पकार का प्रदर्शन दुनिया भर में करे। महापंचायत में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। दूसरी तरफ प्रदेशभर से आए समाज के लोगों और परीक्षार्थियों की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई।
मतदाताओं के अनुसार मिले प्रतिनिधित्व समाज के नेता
ताराचंद सिरोहिया ने कहा कि 15 विधानसभा क्षेत्रों में कु मावत समाज के करीब 25 से 70 हजार मतदाता हैं। इसके अलावा 65 विधानसभा क्षेत्रों में 10 हजार से 25 हजार की संख्या में मतदाता है। समाज किसी की भी राजनीतिक गणित को गलत और सही कर सकता है। इसलिए मतदाताओं के अनुसार उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
धूप ने भी खूब किया परेशान
राजधानी में सुबह से ही सूरज के तीखे तेवरों ने आमजन को परेशान करना शुरू कर दिया था। महापंचायत में आए लोग धूप से बचाव करने की जुगत में दिखाई दिए। जहां एक ओर स्टेडियम के आस-पास लोग ज्यूस पीकर अपनी प्यास बुझाते नजर आए, वहीं यहां मौजूद पुलिस के जवान भी पेड़ों की छांव में बैठकर चिलचिलाती धूप से बचाव करते नजर आए।
ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई, जाम में फंसी एम्बुलेंस
महापंचायत के अलावा रविवार को पीटीईटी और एईएन की प्रतियोगी परीक्षाओ के सेंटर भी थे। ऐसे में विधाधर नगर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। यहां जगह- जगह जाम लग गया। यहां से एम्बुलेंस को निकालने में ही आधे घंटे से अधिक का समय लग गया। ट्रैफिक व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी लम्बेजाम के सामने बेबस नजर आ रहे थे। उधर जगह-जगह लगे जाम के चलते दस मिनट के रास्ते को पार करने में करीब एक घंटे का समय लगा।