Mehngai Rahat Camp : दौसा। प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए प्रदेशभर में महंगाई राहत कैंप लगाए जा रहे है। लेकिन, राजस्थान के दौसा जिले में महंगाई राहत कैंप के दौरान अनोखा मामला सामने आया है। एक युवक ने पत्नी की डिमांड करते हुए तहसीलदार के समक्ष अर्जी लगाई है। रोचक बात ये है कि तहसीलदार ने भी एप्लीकेशन को मार्क कर पटवारी को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दे दिए है। युवक की अजीब डिमांड और प्रशासन की गंभीर लापरवाही जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला सामने आने के बाद उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने भी सीएम गहलोत पर तंज कसा है। पूनिया ने कहा कि ‘जादू’ से आप पीड़ित को बिनणी दिलावा दें।
जानकारी के मुताबिक गांगदवाड़ी निवासी कल्लू ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए पत्नी दिलाने की मांग की। सिकंदरा क्षेत्र के गांगदवाड़ी गांव में 3 जून को आयोजित महंगाई राहत कैंप के दौरान युवक ने सुंदर और सुशील पत्नी की डिमांड करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को एप्लीकेशन दी थी। जिसमें युवक ने लिखा था कि उसे एक पत्नी चाहिए, जो पतली और गोरी हो। उसकी उम्र 30 से 40 के बीच हो और घरेलू कार्यों में निपुण हो। साथ ही पत्र में बताया कि उसकी घर की प्रतिकूल परिस्थितियां है वह अकेला है और घर का कार्य करने में सक्षम नहीं है, अतः उसे पत्नी की जरूरत है। युवक की यह एप्लीकेशन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। खास बात ये है कि प्रशासन ने टीम गठित कर दी है और हल्का पटवारी ने अपनी रिपोर्ट भी तहसीलदार को सौंप दी है।
प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया भी रोचक
रोचक बात ये है कि जब युवक की एप्लीकेशन तहसीलदार के पास पहुंची तो उन्होंने ने भी उसे मार्क कर दिया। साथ ही तहसीलदार ने पटवारी को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद पटवारी ने भी पंचायत स्तर पर टीम गठित करने की सलाह दे डाली। इसके लिए पटवारी ने एप्लीकेशन को वापस तहसीलदार को फार्वड कर दिया और रिपोर्ट दी कि इस प्रकरण में गांव पंचायत स्तर पर टीम का गठन किया जाए। जिसमें ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी और गांगड़वाड़ी सरपंच को शामिल किया जाएं, ताकि समय रहते युवक को पत्नी उपलब्ध कराई जा सके।
सवालों के घेरे में तहसीलदार और पटवारी की कार्यशैली?
प्रदेशभर में कैंपों के माध्यम से लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन, किसानों को निशुल्क 2000 यूनिट, घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट, 200 यूनिट तक सभी सरचार्ज निशुल्क, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए का निशुल्क इलाज, 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार देकर महंगाई से राहत दी जा रही है।
लेकिन, प्रशानिक अधिकारी किस कदर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। युवक के एक लेटर ने सारी पोल खोल दी है। जो लोगों को राहत देने के लिए बैठे हुए है, उन्होंने एक बार पत्र को देखा तक नहीं कि क्या राहत देनी है? ऐसे में तहसीलदार और पटवारी की कार्यशैली भी सवाल उठने लगे है कि क्या जन कल्याणकारी योजनाओं के अलावा पत्नी की डिमांड भी ये पूरी कर सकते है या फिर अधिकारी बिना पढ़े ही एप्लीकेशन को मार्क कर देते है।
पूनिया ने गहलोत सरकार पर कसा तंज
इधर, मामला सामने आने के बाद बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने भी गहलोत सरकार पर तंज कसा है। पूनिया ने ट्वीट किया कि गहलोत जी, आप तो जादूगर है। कृपया… जादू करके पीड़ित को एक अदद बिनणी उपलब्ध करवाकर राहत प्रदान कराएं, ताकि वो घरेलू कामों की आफ़त से बच सके।