जयपुर। ओपीएस पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री का साफ कहना चाहिए कि वो इसके खिलाफ हैं। तभी मालूम पड़ता कि आपकी मंशा क्या है। आप इस प्रकार गोलमोल जवाब दे रहे हो, ये उचित नहीं है। यह कर्मचारियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण का सवाल है। हम उन पर कोई अहसान नहीं कर रहे हैं। वित्त मंत्री का जवाब समझ से परे है। मानवाधिकार आयोग एनपीएस को गलत बता चुका है। कर्मचारियों को शेयर मार्केट के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।
गहलोत ने कहा कि जब स्कीम को लेकर कमी पता चल गई है तो भूल सुधार करने में कहा दिक्कत है। हमने पहल की तो चार-पांच राज्य तो आगे आ गए है। केंद्र ने हिमाचल से भी सबक नहीं लिया है। सीएम गहलोत ने एक बार फिर कहा कि देशभर में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करना चाहिए।
एनपीएस में जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता: वित्त मंत्री
राजस्थान सहित कई राज्यों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल किए जाने के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को फिर स्पष्ट कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई पेंशन योजना (एनपीएस) में जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी दोनों ने यहां कहा कि अगर कोई राज्य सरकार यह अपेक्षा कर कर रही है कि एनपीएस के लिए जमा किया गया पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा तो यह नामुमकिन है। केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है, जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में कहा था कि केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य को नहीं लौटाया तो राज्य सरकार अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। प्रदेश में एनपीएस के तहत कवर हो चुके कार्मिकों की संख्या पांच लाख से ज्यादा है।
सोमवार को यहां विभिन्न भागीदारों से बजट उपरांत चर्चा के लिए आईं वित्त मंत्री सीतामरण कहा कि ऐसा फैसला करने वाले राज्य अगर फिर अपेक्षा करते हैं कि जो पैसा ईपीएफओ कमिश्नर के पास रखा हुआ है। अगर अपेक्षा है कि वह पैसा इकट्ठा राज्य को दे देना चाहिए, तो गलत है, वह पैसा कर्मचारी का हक है। उनका पैसा ब्याज कमा रहा है, वह पैसा रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के हाथ में आएगा। राजस्थान सरकार की ओर से शुरू की गई फ्री स्कीम्स पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब सरकार के वित्तीय हालात ठीक हों तो ऐसी स्कीम चलाएं, उनका पैसा आपके पास हो, तभी लाएं। आप बजट में उनके लिए प्रावधान करें। अगर आपके राज्य के वित्तीय हालात ठीक नहीं है, आप बजट में भी प्रावधान नहीं कर रहे हो, उसके लिए कर्ज ले रहे हो, यह ठीक नहीं है। फिर उसका पैसा कौन देगा? बता दें, मुख्यमंत्री।
डीएसएफ सचिव बोले… यह ट्रेंड अच्छा नहीं
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) सचिव विवेक जोशी ने वित्त मंत्री की बात दोहराते हुए कहा कि मौजूदा नियमों के तहत एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता। कु छ राज्यों द्वारा ओपीएस बहाल किए जाने व कई वर्गों की तरफ से इसकी मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि इसके बारे में मैं कहना चाहूंगा कि यह ‘ट्रेंड’ बहुत अच्छा नहीं है। सिर्फ राज्य सरकारें अपनी देनदारियों को ‘स्थगित’ कर रही हैं। कर्मचारियों को ऐसा लग रहा है कि उनको फायदा है, वह है कि नहीं है यह भी एक देखने वाली बात है।
एनपीएस में जमा पैसे के लिए नियम हैं
जोशी ने कहा कि जहां तक यह बात है कि राज्य सरकारें अपना हिस्सा वापस मांग रही हैं। उस बारे में मैं कहना चाहूंगा कि कानून बड़ा स्पष्ट है कि राज्य सरकार को वह पैसा नहीं मिल सकता, क्योंकि एनपीएस में पैसा कर्मचारी से सम्बद्ध है और यह एक समझौता कर्मचारी व एनपीएस ट्रस्ट में है। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने से पहले हटता है तो उसके अलग नियम है। जहां तक राज्य समझ रहे हैं कि वह हमें वापस मिल जाएगा मैं समझता हूं कि यह मौजूदा नियमों के हिसाब से संभव नहीं है।