जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री निवास पर नए जिलों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि नए जिलों में स्वतंत्रता दिवस पर दो दिवसीय भव्य आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों में 14 अगस्त को पर्यटन विभाग सांस्कृतिक संध्या, सजावटी लाईटिंग व आतिशबाजी करेगा और 15 अगस्त को मुख्यालय पर गरिमापूर्ण स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाएगा।
बैठक में बताया कि सभी नए जिलो में जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय प्रारंभ हो चुके हैं। इसके अलावा नए रेंजों में एडीजी को रेंज प्रभारी नियुक्त किया जा चुका हैं। संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्ट्रेट सहित सभी मुख्य विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए पद सृजन की कार्यवाही की जा चुकी है। पुलिस विभाग ने प्रत्येक नए जिले के लिए 50 का अतिरिक्त जाब्ता आरक्षित करते हुए नए पदों पर पदस्थापन किया है।
जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक जिला कलेक्ट्रेट के लिए 1 करोड़ रुपए और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए 60 लाख रुपए का आवंटन किया है। नए जिला मुख्यालयों पर सर्किट हाउस सहित समस्त जिला स्तरीय सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। नए जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना भी की जाएगी।
SC-ST प्रकरणों में बढ़ेगा रिव्यू का दायरा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एससी-एसटी के प्रकरणों को लेकर भी महत्वपूर्ण फै सला किया है। मुख्यमंत्री निवास पर मंगलवार को अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की एक बैठक हुई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि एससी-एसटी के प्रकरणों में एफआर के बाद भी पुलिस द्वारा प्रकरणों के रिव्यू का दायरा और बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने एससी-एसटी के लम्बित प्रकरणों में जांच कम से कम समय में पूरी करने, पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक जनजागृति के लिए भी निर्देश दिए।
2018 में दर्ज मामले होंगे निस्तारित
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नए जिलों में एससी- एसटी एक्ट की जांच के लिए डिप्टी एसपी की अध्यक्षता में सैल बनेगी। महिलाओ एवं बाल अपराधों के लिए एडिशनल एसपी की अध्यक्षता में सिकाउ यूनिट बनेगी। साथ ही, 2 अप्रैल 2018 को हुए आंदोलन में दर्ज मुकदमों को निस्तारित करेंगे।
टाउन प्लानिंग विशेषज्ञ बनाएंगे कार्य योजना
बैठक में बताया गया कि सभी नए जिला मुख्यालयों के वर्तमान मास्टर प्लान को रिव्यू किया जाएगा। यहां सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए टाउन प्लानिंग विशेषज्ञों के सहयोग से विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
नगर पालिकाओं के क्रमोन्नयन का निर्णय
जिला मुख्यालय की नगर पालिकाओं को विधिवत रूप से परीक्षण कर नगर परिषद में क्रमोन्नत किया जाएगा। नए जिलों में जिला परिषदों के गठन/ निर्वाचन तक जिला परिषद संबंधी कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक नए जिले में अतिरिक्त मुख्य कार्याकारी अधिकारी जिला परिषद का एक-एक पद सृजित किया जाएगा। बैठक में विभिन्न जिला स्तरीय समितियों के लिए शीघ्र ही गैर सरकारी सदस्यों को मनोनीत किए जाने का निर्णय भी लिया गया।
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