अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए बनेंगे 5 नए हॉस्टल, 38 एग्रीकल्चर कॉलेज होंगी हाईटेक..CM गहलोत ने दी मंजूरी

सीएम अशोक गहलोत ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 5 नए छात्रावास को मंजूरी दी है और 38 कृषि कॉलेजों के लिए 13.40 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.

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जयपुर: राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को लगातार सौगात दे रही है इसी कड़ी में अब गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने अनुसूचित जाति के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए 5 नए छात्रावास को मंजूरी दी है. वहीं राजस्थान गृह रक्षा के स्वयंसेवकों को अच्छी सुविधाएं देने के साथ उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक समिति गठन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. इसके अलावा राजस्थान सरकार ने राज्य में 38 कृषि कॉलेजों के लिए 13.40 करोड़ रुपए मंजूर करते हुए लैब के लिए नए उपकरणों की खरीद को भी स्वीकृति दी है.

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए नए हॉस्टल

मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 5 नए हॉस्टलों के भवन निर्माण के लिए 14 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव के अनुसार, अलवर के मालाखेड़ा, श्रीगंगानगर के सूरतगढ़, पाली के रायपुर व उदयपुर के कानोड़ में सावित्री बाई फूले अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास खुलेगा.

वहीं चूरू के जैतासर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास के लिए नवीन भवनों का निर्माण किया जाएगा जहां हर छात्रावास के लिए 2.80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. बता दें कि इन हॉस्टलों में 50-50 छात्रों की क्षमता होगी. मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी.

38 कॉलेजों के लिए 13.40 करोड़ रुपए मंजूर

वहीं राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में उच्च एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है जहां इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 38 कृषि कॉलेजों में प्रयोगशाला कार्य हेतु उपकरणों की खरीद के लिए 13.40 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

गहलोत की इस स्वीकृति से कृषि कॉलेजों में आवश्यक संसाधन तथा उपकरणों की खरीद की जाएगी. इनमें 29 कृषि कॉलेजों जो कि 2022-23 से संचालित हैं उनमें पहले और दूसरे साल के लिए 40-40 लाख रुपए के उपकरण खरीदे जाएंगे. इसके अलावा 9 कृषि कॉलेजों में 2023-24 से सत्र संचालन किया जाएगा जहां पहले साल के लिए 20-20 लाख रुपए के उपकरण खरीदे जाएंगे.

होमगार्ड स्वयंसेवकों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान गृह रक्षा के स्वयंसेवकों को अच्छी सुविधाएं देने तथा उनकी समस्याओं के समाधान हेतु एक समिति गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके अलावा राजस्थान गृह रक्षा स्वयंसेवकों की अनुबंध अवधि को 5 साल से बढ़ाकर 15 साल किए जाने की स्वीकृति भी दी है.

इस प्रस्ताव के अनुसार यह समिति गृह रक्षा के निदेशालय स्तर पर गठित की जाएगी और गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव इसके अध्यक्ष होंगे और महानिदेशक एवं महासमादेष्टा (कमाण्डेंट जनरल), गृह रक्षा तथा महानिरीक्षक पुलिस गृह रक्षा इस समिति के सदस्य होंगे. वहीं गृह विभाग के शासन सचिव इस समिति में सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे.

बता दें कि यह समिति गृह रक्षा स्वयंसेवकों के 12 महीने नियोजन किए जाने, मानदेय पुलिस आरक्षी के समान दिए जाने, गृह रक्षा स्वयंसेवकों को महंगाई भत्ता व ईएसआई/पीएफ सुविधा दिए जाने तथा गृह रक्षा स्वयंसेवकों को समय-समय पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निवारण संबंधी काम करेगी.

इसके अलावा स्वयंसेवकों के अनुबंध की अवधि अब 15 साल हो जाएगी. मालूम हो कि मुख्यमंत्री गहलोत ने मई 2023 में जयपुर स्थित नवनिर्मित होमगार्ड मुख्यालय के लोकार्पण समारोह के दौरान यह घोषणा की थी.

1035 नए पटवार मण्डलों को स्वीकृति

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 1035 नए पटवार मण्डलों के सृजन की मंजूरी दी है जहां गहलोत के इस निर्णय से आमजन को राजस्व, प्रशासनिक एवं सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्याें में सुगमता होगी.

इस प्रस्ताव के अनुसार, अजमेर में 21, अलवर में 18, बांसवाड़ा में 12, बांरा, चूरू, धौलपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर में 15-15, बाड़मेर में 11, भरतपुर में 1, भीलवाड़ा में 63, बीकानेर में 128, बूंदी में 28, चित्तौड़गढ़ में 10, हनुमानगढ़ में 58, जयपुर में 35, जैसलमेर में 20, जालोर में 66, झालावाड़ में 14, झुंझुनूं में 18, जोधपुर में 51, करौली में 27, कोटा में 16, नागौर में 70, पाली में 20, प्रतापगढ़ में 26, राजसमन्द में 17, श्रीगंगानगर में 75, सीकर में 30, सिरोही में 14, टोंक में 34 तथा उदयपुर मंे 77
पटवार मण्डल खुलेंगे.

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