(निरंजन चौधरी): जयपुर। जयपुर से भरतपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 21 के टोल बूथ पर वाहन चालकों को 15 से 20 मिनट का इंतजार करना पड़ रहा है। इसका कारण है यहां का मिस मैनेजमेंट और स्कैनर मशीन का काम नहीं करना। सच बेधड़क संवाददाता ने यहां दो दिन करीब एक-एक घंटा बिताया और यहां की अव्यवस्थाओं को जाना। इस दौरान लंबी कतार में फंसे वाहन चालकों ने फास्ट टैग व्यवस्था पर सवाल उठाए।
वाहन चालकों का कहना है कि फास्ट टैग सुविधा शुरू हुए करीब चार साल का वक्त बीत गया है, मगर ऐसा लगता है जैसे यह व्यवस्था अभी शुरू हुई हो। अधिकतर टोल बूथ पर कमोबेश यही हालात देखने को मिल जाएंगे। वाहन चालकों कहना था कि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की ओर से फास्ट टैग नहीं होने की स्थिति में दोगुना टोल तो वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर किए जा रहे तमाम दावे धरातल पर फेल नजर आ रहे हैं।
मिस मैनेजमेंट, लग रही लंबी कतार
महुवा- सिकं दरा टोल बूथ पर प्रतिदिन आधा किमी. तक वाहनों की लंबी कतार लग रही हैं। मैनेजमेंट की कमी के चलते बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियां टैग वाली लाइन में एंट्री कर जाती हैं। इसके बाद बिना फास्ट टैग वाले वाहन चालकों से दोगुना टोल वसूला जाता है। इसे लेकर अक्सर टोलकर्मियों और चालकों में बहस छिड़ जाती है व पैसे के लेन- देन में भी समय लगता है। वहीं टोल पर लगी कई मशीनें सही से कार्य नहीं कर रहीं। इस स्थिति में टोलकर्मी कैबिन से बाहर आकर टैग को स्कैन करता है, इतनी देर में वाहनों की कतार लग जाती है।
वाहन चालकों को हो रहा नुकसान
टोल बूथ पर कई बार फास्ट टैग स्कैनर से मशीन द्वारा कार्ड स्कैन नहीं होता तो वाहन चालक से दोगुना चार्ज कै श के रूप में वसूला जाता है। कई बार कैश पेमेंट देने के बाद ऑनलाइन पेमेंट भी कट जाता है। जब पेमेंट ऑनलाइन कटता है, तब तक वाहन चालक टोल बूथ से कई किलोमीटर दूर निकल चुका होता है। ऐसे में वाहन चालकों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ये है गाइडलाइन
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पिछले वर्ष गाइडलाइन जारी की गई थी। इसके अनुसार प्रत्येक टोल बूथ से 100 मीटर की डिस्टेंस पर पीली पट्टी बनी होनी चाहिए और 100 मीटर अधिक लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ता है, तो वाहन चालक बिना टोल दिए भी आगे बढ़ सकते हैं।
इनका कहना है
सिकंदरा टोल बूथ शिफ्ट इंचार्ज सुरेश शर्मा ने कहा कि फास्ट टैग कार्ड स्कैनर में आ रही समस्या का प्रमुख कारण ब्क लै लिस्टेड कार्ड हैं। इसके अलावा कई का टोल कार्ड काम नहीं करता है।ऐसे में पीछे वाहनों की कतारें लग जाती हैं। इसको लेकर मेंटेनेंस का काम भी चल रहा है। हम लगातार इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वाहन चालक सुरेंद्र धाकड़ का कहना है कि टोल पर जाम की समस्या आम हो गई है। किसी से शिकायत करो तो मैनेजमेंट के लोग सुनते नहीं हैं। इस समस्या के समाधान के लिए टोल पर लगी क्यूआर कोड स्कैनर मशीनों को बदला जाए, ताकि समय पर टोल कटे और जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके। वाहन चालक विशाल बंसल ने कहा कि फास्ट टैग का क्या मतलब है, जब टोल पर 20 मिनट से भी अधिक का समय लग रहा है। न यहां कोई व्यवस्था है, स्कैनर प्रॉपर काम नहीं करता तो इसमें हमारी क्या गलती है। जिस वजह से यह समस्या आ रही है। उसे जल्द सुधारा जाए।