जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया है। इसमें एक एसआई, एएसआई सहित 4 कांस्टेबल शामिल हैं। एसआई राकेश मीना, एएसआई धर्मेन्द्र कुमार, कांस्टेबल राजेश कुमार, गजेन्द्र, सुरेन्द्र कुमार, राधेश्याम सस्पेंड कर प्रकरण की जांच एडीसीपी आदर्श चौधरी को दी गई है। घटना को लेकर उच्च अधिकारियों को भजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस जगह छात्रों ने सीएम की कार तक पहुंच कर उन्हें काले झंडे दिखाते हुए उनकी कार का गेट खोलने का प्रयास किया।
उस घटना स्थल पर दो एसीपी स्तर के अधिकारियों को ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था। इनमें एक एसीपी के पास रूट लाइनिंग का जिम्मा था तो दूसर के पास गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ ड्यूटी कर सीएम की सुरक्षा करने का जिम्मा था, लेकिन दोनों एसीपी को अचानक ऑन कॉल पर ड्यूटी छोड़कर मौके रवाना होना गए थ।
सुरक्षा छोड़ एक sms और दूसरा गया कलेक्ट्रेट
दरअसल, जिस एसीपी के पास रूट लाइनिंग का जिम्मा था, उन्हें अचानक एसएमएस अस्पताल जाना पड़ा। कारण, अस्पताल में भर्ती राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को दोपहर में अचानक एसएमएस को अपनी इच्छा से छोड़ दिल्ली जाने का ऐलान कर दिया था और वहां उनके समर्थक जुटाना शुरु हो गए थे। इसलिए वहां की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय में सीएम की रूट लाइनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे इस एसीपी को अधिकारियों ने अस्पताल रवाना कर दिया था।
वहीं, पुलिस जाब्ते का जिम्मा संभाल रहे दूसरे एसीपी को शीतलाष्टमी मेले की व्यवस्थाओं के लिए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट की बैठक में जाना पड़ा। सीएम के विश्वविद्यालय से रवाना होने से पहले दूसरे एसीपी भी कलेक्ट्रेट जाने की कहकर निकल गए थे। दोनों एसीपी के चले जाने के बाद दो सीआई, एसआई को जिम्मेदारी संभलवाई गई थी।