बीकानेर। इन दिनों साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे है। हर दिन कोई न कोई व्यक्ति साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहा है। ताजा मामला राजस्थान के बीकानेर में सामने आया है। यहां एक व्यापारी से बेल्जियम की कंपनी से कालीन के लिए 9 करोड़ का ऑर्डर दिलवाने का झांसा देकर 7 लाख रुपए ठग लिए। इसके बाद आरोपी ने डिलीवरी नहीं की। पुलिस ने गूगल से जानकारी लेकर मामले का खुलासा किया। यह घटना बीकानेर के जामसर थाने की है।
सेल्स ऑफिस में ही काम करता था आरोपी…
जामसर थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि बीकानेर के कालीन व्यापारी ब्रह्मप्रकाश उर्फ मनीष अरोड़ा ने अगस्त-2023 में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। व्यापारी ब्रह्मप्रकाश ने शिकायत में बताया कि पानीपत के विभू सूद ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। विभू सूद ने मनीष अरोड़ा की कंपनी में 80 रुपए महीने पर सेल्स ऑफिस में नौकरी जॉइन की थी। विभू सूद ने करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार करवा लिए और डिलीवरी नहीं करवाई।
फर्जी कंपनी की ईमेल आईडी बनाकर दिया ऑर्डर…
विभू ने अपने मोबाइल से ही एक फर्जी कंपनी की ईमेल आईडी बनाई और व्यापारी ब्रह्म प्रकाश को ऑर्डर दिया। ब्रह्म प्रकाश ने बीकानेर और पानीपत में स्थित अपनी फैक्ट्रियों में करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार करवा लिए। एडवांस के रूप में 30 फीसदी राशि देनी थी, इसके लिए विभू टालमटोल करता रहा। इस दौरान विभू सूद बीकानेर में आकर कई महंगे होटलों में ठहरा। जिसका खर्चा अरोड़ा की कंपनी ने ही उठाया।
इस दौरान आरोपी विभू सूद ने सैंपल के नाम पर करीब 5 लाख रुपए के कालीन हड़पने और 2 लाख रुपए नगद ले लिए। धोखाधड़ी का अहसास होने पर ब्रह्म प्रकाश ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने उसे अदालत में पेश करके 11 नवंबर तक रिमांड पर लिया है। एक और साथी रूपेश शुक्ला की तलाश की जा रही है।
9 करोड़ के ऑर्डर के लिए किराए पर ली फर्म…
पुलिस ने बताया कि मार्च 2022 में विभू सूद ने बेल्जियम की एक बहुत बड़ी कंपनी के मालिक रूपेश शुक्ला के मार्फत कालीन खरीदने का ऑर्डर दिलवाया। उत्पादन शुरू करने से पहले 30 फीसदी एड़वांस रुपए बेल्जियम कंपनी से मंगवाने पर विभू सूद और रूपेश शुक्ला ने बातों में फंसाकर उत्पादन शुरू करवा दिया।
इस काम के लिए मनीष ने दूसरी फर्म भी किराए पर ली गई, जहां कालीन बनवाए। करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार होने पर डिलीवरी नहीं ली गई और एडवांस भी नहीं आया। इस बीच करीब 5 लाख रुपए के कालीन सैंपल के तौर पर लिए गए। 2 लाख रुपए बेल्जियम का वीजा व पासपोर्ट के नाम पर लिए गए। कुछ भी वापस नहीं किया गया।
पुलिस ने गूगल की मदद से किया खुलासा…
जामसर थानाधिकारी इंद्र कुमार ने इस मामले गूगल से भी रिपोर्ट ली गई। जिसमें पता चला कि जिस कंपनी का आर्डर ईमेल से आया था, वो फर्जी था। विभू ने अपने मोबाइल से वो मेल आईडी बनाई थी। पुलिस ने फिलहाल विभू को गिरफ्तार कर लिया है और रुपेश की तलाश की जा रही है।