राजस्थान विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में कुछ ही महीने बाकी रह गए हैं। राज्य की शीर्ष पार्टियां भाजपा और कांग्रेस अभी से तैयारी में जुट गई हैं। भाजपा को राजस्थान का रिवाज कायम रखना रखना है तो कांग्रेस इस परिपाटी को तोड़ने में लगी हुई है। भाजपा से गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया गया है जिससे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली हो गई है। इस जगह को भरने की कश्मकश भाजपा में साफतौर पर देखी जा सकती है, क्योंकि नेता प्रतिपक्ष का पद किसे सौंपा जाए ये उसके लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
कटारिया के असम का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के दौरान राजनीतिक गलियारे में गुजरात फॉर्मूला काफी चर्चा में आ गया था। हर जगह यह चर्चा हो रही है क्या राजस्थान में भाजपा ने चुनाव को देखते हुए गुजरात फॉर्मूला अपनाने की शुरुआत कर दी है? अगर ये शुरुआत हो गई है तो फिर भाजपा की हिटलिस्ट में अगला नंबर किसका हो सकता है ?
70 की उम्र पार करने वालों का कट सकता है टिकट
दरअसल भाजपा ने गुजरात चुनाव में टिकट बांटने और काटने का एक ही फॉर्मूला अपनाया था, वह है 70 प्लस का..यानी वो नेता जिन्होंने अपनी उम्र के 70 वसंत पार कर लिए हैं, वो चुनाव का हिस्सा नहीं होंगे यानी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया जाएगा। इसी फॉर्मूले के चलते गुजरात में पूर्व सीएम विजय रूपाणी का टिकट कट गया था। साथ ही कई दिग्गज टिकट पाने की रेस से बाहर ही हो गए थे। अब चारों तरफ यह चर्चा है कि राजस्थान में भी भाजपा का 70 प्लस का फॉर्मूला शुरू हो गया है। तो अब यहां किन-किन नेताओं का चुनाव से पत्ता कट सकता है।
1- वासुदेव देवनानी
राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी 70 प्लस के हैं। उनकी उम्र 72 वर्ष के हैं। वर्तमान में वे अजमेर उत्तर से विधायक हैं। कांग्रेस के खिलाफ देवनानी भाजपा के लिए फायर ब्रांड नेता की तरह काम करते हैं, अगर भाजपा ने ये फॉर्मूला अपनाया तो देवनानी शायद इस बार का चुनाव लड़ पाएं।
2- कालीचरण सराफ
जयपुर के मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ का भाजपा में एक अलग ही रुतबा है। उनकी उम्र भी 72 साल की हो चुकी है, फॉर्मूले के हिसाब से कालीचरण सराफ इस चुनाव में लड़ें, यह मुश्किल है।
3-नरपत सिंह राजवी
जयपुर के विद्याधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी भी इस फॉर्मूले के हिसाब से चुनाव लड़ने में असमर्थ हो सकते हैं।
4- सूर्यकांता व्यास
जोधपुर के सुरसागर से विधायक सूर्यकांता व्यास का भी टिकट कट सकता है। व्यास की उम्र तो 85 साल है। इस हिसाब से उनका चुनाव में लड़ना बेहद मुश्किल है।
5- वसुंधरा राजे
अगर भाजपा गुजरात फॉर्मूला अपनाती है तो वसुंधरा राजे भी इस लिस्ट में शामिल हो…ये कहना तो बेहद मुश्किल है। क्योंकि राजे का कद और रूतबा और जनता के बीच पहुंच इस फॉर्मूले को टक्कर दे रहा है। फिलहाल के हालात में अभी भी उनके समर्थक उन्हें राजस्थान का अगला सीएम के रूप में देखना चाहते हैं और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राजे के बगैर भाजपा इस चुनाव में कांग्रेस को टक्कर भी नहीं दे सकती।