अलवर। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के 9 वें एल.डी.सी.ई. कोर्स के 42 प्रशिक्षुओं का भव्य ‘ शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस अवसर पर मनोज सिंह रावत, अपर महानिदेशक, पश्चिमी कमान, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, निशिथ चंद्र, उप महानिरीक्षक, प्राचार्य सेंट्रल ट्रेनिंग कॉलेज, स्थानीय गणमान्य व्यक्ति, नजदीकी गांवों से विशिष्ट अतिथि, अलवर एवं रामगढ़ शहर के स्कूलों अध्यापक एवं बच्चें तथा बल में बेसिक ट्रेनिंग हासिल कर शामिल हो रहे अधीनस्थ अधिकारियों के परिवार के लोग मौजूद थे।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने रखी थी आधारशिला
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में बढ़ती प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के मद्देनजर केंद्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय सेंटल ट्रेनिंग कॉलेज की परिकल्पना की गई थी तथा 25 अगस्त 2013 को तत्कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा वर्तमान स्थान पर इस संस्थान की आधारशिला रखी गई। यह केंद्र भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल का एक विशिष्ठ संस्थान है, यहां पर नवनियुक्त उप निरीक्षक अभ्यर्थियों को आधार प्रशिक्षण के साथ साथ बल के अधीनस्थ अधिकारियों व जवानों को विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है।
7 सालों में 15000 से अधिक को मिला प्रशिक्षण
यह केंद्र वर्तमान में भारत चीन की चौकसी, चुनाव के दौरान व आंतरिक सुरक्षा में डियूटी के साथ साथ नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात वाहिनियों के अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। पिछले 7 वर्षों में संस्थान द्वारा लगभग 15000 से अधिक बल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षणकाल में इन प्रशिक्षणार्थियों को कठोर शारीरिक प्रशिक्षण के अलावा ड्रिल, वैपन हैंडलिंग, फील्ड क्राफ्ट, बैटल क्राफ्ट, मैप रीडिंग, परंपरागत एवं गैर परंपरागत युद्ध कौशल, काउंटर इंसरजैंसी, आंतरिक सुरक्षा, प्रशिक्षणार्थियों को शारीरिक प्रशिक्षण, फायरिंग, जूड़ो कराटे इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
आधुनिक तकनीक से भी होते हैं लैस
इसके अतिरिक्त बल की आधुनिक आवश्यकताओं के मद्देनजर इनको क्लास रूम में कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण तथा मोर्डन टेक्नोलॉजी जैसे जी.आई.एस. आधारित वैज्ञानिक भू आंकंलन, स्टार आधारित, आसूचना सिस्टम तथा इन्फोरमेशन टेक्नोलॉजी इत्यादि का भी प्रशिक्षण प्रदान कियाजाता है। इस केंद्र से प्रशिक्षित हुए बल कर्मी सीमा पर तैनात रहकर दुर्गम चोटियों पर देश की रक्षा करते हुंए मूल वाक्य शौर्य दृढ़ता कर्मनिष्ठा को चरितार्थ करते हैं।
(रिपोर्ट- नितिन शर्मा)