उदयपुर के गोगुंदा में एक मंदिर में भगवान परशुराम की प्रतिमा तोड़ने के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। भाजपा इसे लेकर अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा का कहना है कि यह एक ओछी मानसिकता का ही परिणाम है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- सरकार के साये में हो रहा काला खेल
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सनातन संस्कृति के बढ़ते प्रभाव से तुष्टिकरण की भेदभावपूर्ण राजनीति करने वाले समाज कंटक घबराए हुए हैं। भगवान परशुराम की प्रतिमा को तोड़कर उन्होंने अपनी ओछी मानसिकता दिखाई है, दरअसल यह हिंदू एकता पर वार है। जनता जानती है सत्ताधारियों के साये में यह काला खेल चल रहा है।
पूनिया ने कहा- राजस्थान में लचर कानून व्यवस्था
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि भगवान परशुराम जी की प्रतिमा को समाजकंटकों द्वारा खंडित करना अत्यंत शर्मनाक है; यह कांग्रेस सरकार की लचर कानून व्यवस्था की बानगी है कि प्रदेश में आए दिन आस्था पर ऐसे हमले हो रहे हैं, मैं मुख्यमंत्री जी से कठोर कार्रवाई की मांग करता हूं।
रामलाल शर्मा ने कहा- धार्मिक भावनाएं हुईं आहत
भाजपा से चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि आराध्य भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा को तोड़ने की घटना बेहद शर्मनाक है निंदनीय है। राजस्थान सरकार की लचर कानून व्यवस्था के कारण इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही है और हम सभी की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है। बता दें कि उदयपुर के गोगुन्दा इलाके के रावलिया खुर्द में गांव में रविवार रात को शरारती तत्वों ने भगवान परशुराम की प्रतिमा खंडित कर मंदिर से बाहर फेंक दिया था। इस घटना से गुस्साए ब्राह्मण समाज ने उदयपुर-गोगुंदा मार्ग पर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। उन्होंने SDM कार्यालय के सामने भी धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और नई प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठाई।