जयपुर: कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर वर्ष 2022 में हुई पीटीआई परीक्षा में असली अभ्यर्थियों की जगह डमी अभ्यर्थी बैठकर परीक्षा देने के मामले की जांच अब एसओजी करेगी। बोर्ड ने माना था कि कुछ अभ्यर्थियों की जगह डमी अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे, लेकिन वे परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए थे। सच बेधड़क की पड़ताल में सामने आया कि डमी अभ्यर्थियों ने जिन असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी, वे परीक्षा उत्तीर्ण में हो गए थे और उन्होंने पीटीआई के पद पर ज्वॉइन कर लिया।
एडीजी वीके सिंह ने लिया संज्ञान
बोर्ड द्वारा केवल एफआईआर दर्ज करके मामले को दबाया जा रहा था। इस पर सच बेधड़क ने खबर को प्रमुखता से उठाया और मामले को खुलासा किया। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गठित पेपर लीक मामलों के लिए गठित एसआईटी के एडीजी वीके सिंह ने संज्ञान लिया।
क्राइम ब्रांच को लिखा था पत्र
मामले के खुलासे के बाद वीके सिंह ने इस प्रकरण की जांच एसओजी से कराने के लिए क्राइम ब्रांच को पत्र लिखा था। क्राइम ब्रांच के एडीजी दिनेश एमएन व डीजीपी यूआर साहू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच एसओजी से कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आदेश जारी हो गए।
दो माह बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
गौरतलब है कि अक्टूबर माह में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से इस मामले में सांगानेर थाने में मामला दर्ज कराया था, लेकिन दो माह बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
SOG की प्रदेशभर में छापेमारी
एसओजी ने आगामी होने वाली भर्ती परीक्षाओं को लेकर सख्ती करना शुरू कर दिया। प्रदेश में शुक्रवार को एसओजी के अधिकारियों ने अलग-अलग टीमें बनाकर पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी बैठाने वाले गैंग के संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। एसओजी ने एक दर्जन से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
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