भीलवाड़ा। बहुत सपने देखे थे कि शायद मेहनत करेंगे तो कुछ बन जाएंगे। बहुत बार असफल हुई…, लेकिन फिर भी हिम्मत करके खड़ी हुई कि एक बार और सही…फिर भी हर बार नाकामयाबी मिली। हर त्योहार को छोड़ा… हर शादी को छोड़ा…लेकिन सिर्फ निराशा हाथ आई।
ये शब्द एक युवती ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखकर अपना दुख बयां किया। भीलवाड़ा की एक युवती (28) ने आरजेएस परीक्षा में फेल होने पर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि युवती राजस्थान जूडिशियरी सर्विस (RJS) की परीक्षा में फेल होने के बाद से डिप्रेशन में थी। घटना के समय युवती के माता-पिता और भाई बाहर गए हुए थे। दोपहर में मां लौटी तो बेटी को फंदे पर लटका देख हैरान रह गई। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। यह घटना भीलवाड़ा जिले के रमा विहार की है।
डिप्रेशन में थी युवती
जानकारी के अनुसार, भीलवाड़ा जिले के रमा विहार निवासी आकांक्षा उर्फ खुशबू (28) पुत्री लक्ष्मीलाल ओझा अहमदाबाद में रहकर आरजेएस की तैयारी कर रही थी। हाल ही में पिछले महीने 16 अगस्त को ही परीक्षा का परिणाम आया तो वह फेल हो गई। इसे लेकर आकांक्षा डिप्रेशन में आ गई थी। सोमवार को आकांक्षा घर पर अकेली थी। माता-पिता शिक्षक है, जो स्कूल गए थे। भाई भी घर से बाहर था।
मरने से पहले लिखा सुसाइड नोट…
आकांक्षा घर पर अकेली थी। ऐसे में मरने से पहले उसने 2 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसके बाद उसने सुसाइड कर लिया। करीब 2 बजे स्कूल से घर पहुंची मां को दरवाजा बंद मिला। मां ने आकांक्षा को आवाज दी, लेकिन उसका जब कोई जवाब नहीं आया तो दरवाजा तोड़ा गया। अंदर देखा तो आकांक्षा ने सुसाइड कर लिया। परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर सुभाषनगर थाना प्रभारी मय जाब्ता मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मौका मुआयना कर शव को फंदे से उतरवा कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया।
युवती ने अपने सुसाइड नोट में लिखा- बहुत सपने देखे थे कि शायद मेहनत करेंगे तो कुछ बन जाएंगे। बहुत बार असफल हुई…, लेकिन फिर भी हिम्मत करके खड़ी हुई नहीं कि एक बार और सही…पर हर बार नाकामयाबी मिली। हर त्योहार को छोड़ा… हर शादी को छोड़ा हाथ सिर्फ निराशा आई। शायद किसी ने सही कहा है लड़की को लड़की के हिसाब से रहना चाहिए। घर, परिवार तक ही सहना सिमित रहे तो ही बेहतर हैं… उसके आने वाले भविष्य के लिए। ना कभी इतनी आशाएं सजोई जीवन में…, हमेशा आशा रखी तो सिर्फ एक की कुछ अच्छा बन जाऊं पर बार असफलता।
किस्मत वाली बेटी, लेकिन हर बार निराशा मिली…
बहुत किस्मत वाली बेटी बनी जो ऐसा घर-परिवार, माता पिता मिले…जिन्होने कभी साथ नहीं छोड़ा, जो मांगा वो दिया बिना किसी आशा के…। बहुत किस्मत वाली बहन हूं, जो ऐसा भाई मिला…जिसने पग-पग पर ढाल बन के मेरा साथ दिया। बहुत किस्मत वाली शिष्या हूं जो ऐसे गुरुजन और मेन्टर्स का साथ मिला जिन्होंने हमेशा हौसला बचाया और मार्गदर्शित किया, उन सभी का दिल से आभार।
भाई से कहा-मम्मी-पापा का ख्याल रखना…
अब शायद इतनी हिम्मत नहीं रही कि एक बार फिर से खड़ी होकर कुछ करूं। माफ कर देना मम्मी-पापा, बड़े पापा, अभिषेक भाई…आज आप सबके होते हुए भी मैं यह कदम उठा रही…आप सब एकजुट होकर रहना… और हमारा परिवार हमेशा अपने व्यवहार और सादगी भरे व्यवहार से जाना गया हैं…और आगे भी जाना जाए! अभिषेक, महावीर भाई की जोड़ी की एक अच्छी मिसाल पेश करना…और अपने परिवार को आगे लेकर बढ़ना। महावीर भैया मैं आपकी सबसे लाडली बहन थी… पर क्या करूं… कुछ करना चाहती थी, लेकिन हो न सका… अभिषेक पापा-मम्मी को कभी अकेले मत छोड़ना। आगे भी उनका साथ देना…हो सके तो माफ कर देना।
शहर के सुभाष नगर थाना प्रभारी जय सुल्तान कविया ने बताया कि रमा विहार निवासी आकांक्षा उर्फ खुशबू ने सुसाइड कर लिया है। मृतका के पास से 2 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट से युवती ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंपकर मामले की जांच कर रही है।