कोटा। भारतीय किसान संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान के तहत आज राजस्थान के किसान राजधानी जयपुर में जुटे। किसानों ने विद्याधर नगर स्टेडियम में अपना डेरा डाला। यहां सभा के बाद सचिवालय घेराव के लिए कूच किया। जिसे पुलिस ने कुछ दूरी पर ही डबल बैरिकेडिंग के द्वारा रोक दिया। इस दौरान किसानों ने वहीं बैठ कर पड़ाव डाल दिया। प्रशासन की समझाइश पर किसान वापस पांडाल में लौटे। जबकि सरकार से वार्ता करने के लिए प्रतिनिधिमंडल सचिवालय गया। जब तक वार्ता चल रही थी, पांडाल में किसान भजन, कीर्तन, लोककला, गीत-संगीत के कार्यक्रम करते रहे। दूसरी ओर भोजन की पंगत भी सज गई।
सभा के दौरान चितौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में 5 प्रकार से बिजली का उत्पादन होता है।इसके बावजूद सबसे महंगी बिजली राजस्थान को मिलती है। उत्पादित बिजली दूसरे राज्यों को बेच दी जाती है। महिला प्रमुख राममूर्ति मीणा ने कहा कि किसान के बेटे को पता है कि भयंकर और भीषण गर्मी में काम कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो किसी भी नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
आज भी दुखी है किसान
प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी किसान को आत्महत्या करनी पड़ रही है। आंदोलन के सहसंयोजक जगदीश कलमंडा ने कहा कि सरकार किसानों को उपज के मूल्य का अधिकार, बिजली का अधिकार, सिंचाई का अधिकार दे। इस दौरान किसानों ने हाथों में “सरकार से एक ही मांग, फसलों का दे सही दाम दे सरकार…” कर्जमाफी का वादा पूरा करें, आधी अधूरी नहीं पूरी बिजली दे सरकार, हर खेत को पानी दो, हर किसान को बिजली दो, सूखी धरती करे पुकार, सिंचाई का पानी दे सरकार.. सरीखे नारे लिखी तख्तियां ले रखी थीं।
इससे पहले हाड़ौती क्षेत्र के किसान शिवदासपुरा टोल नाके पर रुके और वहां से सामूहिक रुप से रवाना हुए। इस अवसर पर कोटा जिला अध्यक्ष गिरीराज चौधरी, कोषाध्यक्ष रुपनारायण यादव, उपाध्यक्ष मुकुट नागर, जोधराज नागर, काजोडीलाल मीना, बिरधीलाल यादव, सत्यनारायण धाकड़, प्रहलाद धाकड़, महावीर नागर, रमा शर्मा, जितेन्द्र नागर, गिरिजेश गुप्ता, हेमराज नागर, अशोक जांगिड़, रमेश नागर, रामस्वरूप, बद्रीलाल रोण, योगेंद्र मेहता, महावीर सुमन, अश्विनी जैन, राजेंद्र नागर, दाऊशंकर शर्मा नंदबिहारी समेत कईं लोग मौजुद रहे।
सिर पर पगड़ी हाथ में नारे लिखी तख्ती
किसानों के आंदोलन में गांव गांव से लोग नाचते गाते और ढोल बजाते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। जिन्होंने हाथों में विभिन्न नारे लिखी तख्तियां ले रखी थी, तो दूसरे हाथ में भारतीय किसान संघ की पताका मौजूद थी। किसानों के सिर पर पूरे राजस्थान का प्रतिनिधित्व करती लाल, पीली, चुनरी, मोठड़ा और मारवाड़ी समेत विभिन्न प्रकार की पगड़ी सजी हुई थी।
भीषण गर्मी में डटे रहे किसान
अपनी मांगों को लेकर स्टेडियम की जाजम पर जमा धरतीपुत्र भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच भी जमा रहा। यहां से सचिवालय घेराव के लिए निकले किसानों को पुलिस द्वारा रोकने पर तपती धूप में सड़क पर बैठ गया। जहां सूरत से तेज धूप बरस रही थी। वहीं सड़क भी अंगारे उगल रही थी। इसके बावजूद किसान डटे रहे और किसानों का हौसला लू के थपेड़ों में भी नहीं डिगा।
यह रही मांगें
आशीष मेहता ने बताया कि आंदोलन के तहत ग्राम समितियों की बैठकों में और गांव ढाणी से आई समस्याओं को मिलाकर मांग पत्र तैयार किया गया था। जिसके बाद 34 सूत्रीय मांगपत्र सरकार को सौंपा है। जिसमें सस्ते और टैक्समुक्त कृषि आदान, उपज के आधार पर लाभकारी मूल्य देने, हर खेत को सिंचाई का पानी, 8 घंटे सस्ती व निर्बाध बिजली देने समेत विभिन्न मांगें की गई थी।