Rajasthan Leader Of Opposition: राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भजनलाल सरकार का पूरा खाका सामने आ गया है जहां मंत्रिमंडल की शपथ के बाद उनके विभागों का भी बंटवारा हो गया. वहीं विधानसभा में स्पीकर और मुख्य सचेतक के नाम भी फाइनल हो गए लेकिन राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी भी तस्वीर साफ नहीं हुई है. बीजेपी सरकार के मंत्रिमंडल गठन में देरी पर हमलावर कांग्रेस अब तक अपने नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है. जानकारी के मुताबिक राजस्थान विधानसभा में 15 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने वाला है ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में ही कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करना होगा.
इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान से बाहर अहम जिम्मेदारी दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में किसी नए चेहरे के नाम पर कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष की मुहर लगाने जा रही है. सूत्रों का कहना है कि किसी नए चेहरे पर ही कांग्रेस दांव लगाने जा रही है. वहीं दावेदारों की रेस में कई नाम चल रहे हैं जिनको लेकर अटकलबाजी का बाजार गरम है.
सचिन पायलट नहीं है रेस में!
मालूम हो कि बीते दिनों कांग्रेस पार्टी को तीन हिंदी पट्टी राज्यों में हार का सामना करना पड़ा जहां कांग्रेस मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान में विपक्ष में आ गई. वहीं आलाकमान ने एमपी और छग दोनों ही राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का चयन कर दिया लेकिन राजस्थान में अभी भी असमंजस बरकरार है.
हालांकि नेता प्रतिपक्ष को लेकर कई दावेदारों के नाम तैर रहे हैं लेकिन जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के नाम की भई चर्चा चल रही थी लेकिन अब माना जा रहा है कि पायलट इस रेस से बाहर हो गए हैं. मालूम हो कि पिछले दिनों सचिन पायलट को कांग्रेस हाईकमान ने छत्तीसगढ़ राज्य का प्रभारी बनाया था जिसके बाद माना जा रहा है कि पार्टी पायलट का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों में करना चाहती है.
दौड़ में हैं कई दावेदार
वहीं नेता प्रतिपक्ष को लेकर कई नाम चल रहे हैं जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, हिंडोली विधायक अशोक चांदना, अलवर ग्रामीण विधायक टीकाराम जूली, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और मुरारी लाल मीणा का नाम आगे चल रहा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस जातिगत समीकरणों को भी इस पद पर साधना चाहती है. अलवर ग्रामीण विधायक टीकाराम जूली एससी वर्ग से हैं तो मुरारी लाल मीणा एसटी समुदाय से ऐसे में लोकसभा चुनावों को देखते इनमें से किसी के नेता प्रतिपक्ष बनने की संभावना प्रबल नजर आ रही है.