जयपुर। सचिन पायलट (Sachin Pilot) की जनसंघर्ष यात्रा इन दिनों राजस्थान की सिय़ासत में सबसे अहम मुद्दा बनी हुई है। सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि ये मुद्दा तो दिल्ली तक गर्मा रहा है। कांग्रेस के कई नेता पायलट की इस यात्रा को पार्टी विरोधी गतिविधि बता चुके हैं। पीसीसी सचिव राम सिंह कंस्वा के अलावा कई सदस्यों ने इसे पायलट की अनुशासनहीनता करार दिया है।
जिम्मेदार लोग लगा रहे हैं आरोप
अब जलदाय मंत्री महेश जोशी ने भी पायलट की इस यात्रा को लेकर उन पर करारा हमला बोला है। महेश जोशी ने कहा है कि अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें ये सोचना था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं। आरोप लगाने वालों को ये अच्छे से ये पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। तो मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ACB की कार्रवाइयां इस बात की द्योतक हैं कि भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी बड़ा शख्स हो ACB द्वारा बेहिचक और बड़ी सख्ती से कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया।
भाजपा की आड़ में पायलट को दिया जवाब
रामलाल जाट ने भी भाजपा को जवाब देते हुए पायलट के पूछे जा रहे सवालों का भी जवाब दे दिया था। पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार में राजस्थान में भ्रष्टाचार और पेपर लीक के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाइयां हुई हैं। पूर्ववर्ती सरकार के गलत फैसलों के खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी और सभी मामलों का निस्तारण हुआ और कार्रवाई की गई। वसुंधरा सरकार के समय के खनन आवंटन, बजरी खनन एवं ईरानी कालीन प्रकरण पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। ललित मोदी का मामला ED के पास लंबित है। पेपर लीक में RPSC सदस्य तक को जेल में डाला गया है। युवाओं के भविष्य के लिए विशेष कानून बनाया और STF का गठन किया गया है। करीब पौने दो लाख युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी दी गई है। ACB ने रिकॉर्ड कार्रवाई की हैं एवं भ्रष्टाचारियों को जेल में डाला है। यही कारण है कि आज राजस्थान में विपक्षी भाजपा भी मुद्दाविहीन हो चुकी है।
युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं पायलट
कांग्रेस नेता चेतन डडूी ने भी पायलट के इस कदम को युवाओं को भ्रमित कर देने वाला बता दिया। चेतन डूडी ने कहा कि सचिन पायलट ने जिन 3 मुद्दों को उठाया वो अप्रयोगिक एवं पूरी तरह समझ से परे हैं। क्या आपको पता नहीं कि RPSC स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भी भंग नहीं की जा सकती। RPSC सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूर किया जाता है। आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं?
रंधावा खड़गे को पहुंचा रहे हैं रिपोर्ट
बता दें कि पायलट को लेकर रंधावा दिल्ली तक पूरी रिपोर्ट पहुंचा रहे हैं। बीती 12 मई को उन्होंने दिल्ली में राजस्थान के अहम नेताओं और सह प्रभारियों के साथ बैठक भी की थी, इस बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि वो पूरी रिपोर्ट खड़गे को देंगे और क्या एक्शन लिया जाएगा ये भी वही फैसला लेंगे।
इधर सचिन पायलट ने तो सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है और साफ-साफ कह दिया है कि अब याचना नहीं रण होगा और पूरे राजस्थान में उग्र आंदोलन होगा। सचिन ने 11 अप्रैल से 5 दिन तक पेपर लीर के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए अजमेर से जयपुर पैदल जनसंघर्ष यात्रा निकाली थी। जो कल ही खत्म हुई है।