जयपुर। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ राजस्थान में कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो सकी। इस यात्रा के दौरान व तत्काल बाद कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश हुए विधानसभा चुनाव में तो अच्छे परिणाम निकले। लेकिन, अब उसका प्रभाव वैसा नहीं रहा, जैसा तब था। यही वजह रही कि राजस्थान में यात्रा मार्ग के विधानसभा क्षेत्रों में बंपर समर्थन मिलने की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी। लेकिन, अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई है। कांग्रेस के पास 2018 में 19 में से 13 सीट थी। लेकिन, इस चुनाव में 8 ही रह गई और 11 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 5 से 20 दिसंबर 2022 तक झालावाड़ से राजस्थान में प्रवेश कर अलवर होते हुए निकली थी। यह यात्रा कोटा, झालावाड़, टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिले की कुल 19 सीटों से होकर गुजरी थी। इस दौरान राहुल गांधी ने करीब 50 जगह नुक्कड़ सभाएं और 10 जगह बड़ी सभाएं की थीं। तब कांग्रेस ने इन सीटों पर राहुल गांधी को जनता का जबरदस्त समर्थन मिलने का दावा किया था। लेकिन, जब चुनावी परिणाम आया तो स्थिति बिल्कुल अलग थी।
कोटा में शांति धारीवाल ही जीत पाए
भारत जोड़ो यात्रा के समय कोटा की 6 सीट में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन चुनाव नतीजों में कोटा में शांति धारीवाल ही जीत पाए। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम तक चुनाव हार गई। वहीं, बारां में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को बुरी तरह शिकस्त मिली सवाईमाधोपुर में मुख्यमंत्री के सलाहकार दानिश अबरार को भी करारी हार का सामना करना पड़ा। यहां कांग्रेस केवल दो सीट जीतने में कामयाब हुई है।
जहां हुई सबसे बड़ी सभा…वहां बुरी तरह हारी कांग्रेस
यात्रा मार्ग में राहुल की सबसे बड़ी जनसभा बांदीकुई में हुई थी, लेकिन वहां कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली है। भारत जोड़ो यात्रा के समय दौसा जिले की पांच में से चार सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। तीन विधायक ममता भूपेश, मुरारीलाल मीणा व परसादीलाल मीणा मंत्री थे। इस बार कांग्रेस के वल एक सीट दौसा जीत पाई है। इनमें से दो मंत्री ममता भूपेश व परसादीलाल मीणा चुनाव हार गए।
कांग्रेस ने गंवाईं ये 6 सीटें
कांग्रेस की यात्रा रूट वाले जिलों में बीजेपी को 11 सीटें मिली। इनमें झालरापाटन, रामगंजमंडी, सांगोद, लाडपुरा, कोटा दक्षिण, खंडार, सवाई माधोपुर, लालसोट, सिकराय, बांदीकुई और अलवर शहर शामिल है। इनमें से 5 सीटें झालरापाटन, रामगंजमंडी, लाडपुरा, कोटा दक्षिण और अलवर शहर सीट पहले भी भाजपा के पास थी। वहीं, सांगोद, खंडार, सवाई माधोपुर, लालसोट, सिकराय और बांदीकुई सीटें कांग्रेस से छीन ली।
दो जिलों में हुआ थोड़ा फायदा
बूंदी जिले की केशोरायपाटन सीट पहले बीजेपी के पास थी, अब कांग्रेस ने जीती है। वहीं, अलवर जिले की 11 सीट में से 5 पर कांग्रेस, 2-2 भाजपा, बसपा और निर्दलीय विधायक थे। यहां भी राहुल गांधी ने बड़ी जनसभाएं की थी। हालांकि, अलवर में कांग्रेस को थोड़ी राहत मिली। इस बार 11 में से 6 पर कांग्रेस जीती और भाजपा 5 पर विजयी रही।
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