Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे बीजेपी-कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन, इस बार राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी, ये तो चुनाव के नतीजे आने के बाद भी पता चल पाएगा। लेकिन, राजस्थान की एक ऐसी विधानसभा सीट भी है, जहां पर जो जीतता है उसकी पार्टी की राजस्थान में सरकार बनती है। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार चुनावी समीकरण बदलेंगे?
दरअसल, हम बात कर रहे हैं बगरू विधानसभा सीट की। यहां पर हर बार चुनाव में बदलाव देखने को मिलता है। यहां पर एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को जीत मिल जाती है। ऐसे में राजस्थान की सत्ता में होने वाला बदलाव इस सीट पर सटीक बैठता है। यहां से बीजेपी को जब जीत मिलती है तो वोटों का अंतर ज्यादा रहता है। हालांकि, कांग्रेस कम अंतर से यहां पर चुनाव जीतती है। यह सीट साल 2008 के परसीमन में बनी थी। इसके पहले बगरू क्षेत्र सांगानेर और मालवीय नगर विधानसभा सीट में आता था। वर्तमान में बगरू विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता गंगा देवी विधायक है, जिनकी उम्र 65 प्लस है।
कांग्रेस की स्थिति मजबूत
बगरू विधानसभा सीट पर वैसे तो कई दावेदार हैं। लेकिन, इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वर्तमान विधायक गंगा देवी ताल ठोंक सकती हैं। क्योंकि वो यहां से दो बार विधायक रह चुकी हैं। लेकिन, यह भी माना जा रहा है कि पार्टी यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सतवीर आलोरिया को भी चुनावी रण में उतार सकती है। ऐसे इसलिए माना जा रहा है क्योंकि पहले ही कांग्रेस इस सीट पर बदलाव के संकेत दे चुकी है। वहीं, बीजेपी की बात करें तो विधायक रह चुके कैलाश वर्मा पर दांव लगा सकती है। लेकिन, यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी नए चेहरे की तलाश में है। लेकिन, वास्तविक स्थिति का पता तो उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद ही चल पाएगा।
कैसी है इस क्षेत्र की जातिगत स्थिति?
बगरू विधानसभा सीट राजस्थान की अहम विधानसभा सीट है, जो राजस्थान के जयपुर जिले में आती है। बगरू विधानसभा सीट पर 2,93,929 मतदाता हैं. 1,55,404 पुरुष और 1,38,525 महिला वोटर्स हैं। वैसे तो यह सीट काफी सेफ है, लेकिन, शहर के कई हिस्से भी इसमें आते हैं। जिसके कारण यहां चुनावों में कई जातियों का असर देखने को मिलता है। यहां 40 ग्राम पंचायतें और शहर के 21 नगर निगम वार्ड आते हैं। ऐसे में यह सीट शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से काफी अहम है। जिसका इफेक्ट यह रहता है कि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती है। यहां 22.97 एससी और 12.73 प्रतिशत एसटी वर्ग के लोग हैं। इसके अलावा यहां बड़ी तादात में ब्राह्मण और जाट वोटर्स भी हैं।
कैसा रहा यहां का चुनावी इतिहास?
बगरू विधानसभा सीट पर पहली बार साल 2008 में चुनाव हुए थे। क्योंकि इससे पहले बगरू क्षेत्र सांगानेर और मालवीय नगर विधानसभा सीट में आता था। पहली बार हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी और वर्तमान में भी यहां से कांग्रेस का ही विधायक है। खास बात ये है कि गंगा देवी साल 2008 में विधायक बनी थी और वर्तमान में भी विधायक है। हालांकि, एक बार ही ऐसा मौका आया है जब साल 2013 में बीजेपी के कैलाश वर्मा विधायक चुने गए थे। यहां पर सीवरेज और कॉलोनियों में सफाई बड़ा मुद्दा है। साथ ही पेयजल की बड़ी समस्या है। ऐसे में इस बार चुनाव में इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा।
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