आज विधानसभा में सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने शिक्षा मंत्री परसादी लाल मीणा को घेरा। उन्होंने राज्य में चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाओं को चरमराता हुआ करार दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जो सिरोही में शर्मनाक कांड हुआ है वह सिर्फ एक बच्चे के साथ नहीं हुआ बल्कि राजस्थान के 8 करोड़ जनता के साथ हुआ है।
लाहोटी ने गिनाए दर्दनाक मामले
अशोक लाहोटी में सिरोही में अस्पताल से एक महीने के बच्चे को कुत्तों द्वारा नोंचने के मामले को उठाते हुए कहा कि बीते लंबे समय से अस्पतालों में आए दिन ऐसे अमानवीय कृत्य सुनने को आ रहे हैं। सिरोही में कल सभी ने अखबारों में इस दर्दनाक मामले को सुना और पढ़ा लेकिन अगर इससे पहले के मामलों को मैं उठाऊं तो जोधपुर में एक अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला को डॉक्टर्स ने बाहर निकाल दिया, यहां तक की सड़क पर ही महिला का प्रसव हुआ। जयपुर के सांगानेरी गेट पर स्थित महिला अस्पताल में एक कुत्ते के मुंह में नवजात बच्चा दबा हुआ मिला, इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। आईसीयू में भर्ती एक महिला के पलकों को तो चूहे तक उतर गए। बताइए यह हाल है हमारे अस्पतालों का, यह हाल है हमारे राजस्थान के चिकित्सा व्यवस्था का।
दो मंत्रियों की लड़ाई में चिकित्सा विभाग बन गया मजाक
लाहोटी ने कहा कि अगर मैं यह कहूं कि ये आवारा कुत्तों का मामला शांति धारीवाल जी के विभाग में आता है तो शांति धारीवाल जी कहेंगे कि अस्पतालों का मामला है यह चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के विभाग में आता है। मैं कहना चाहता हूं कि इन दोनों को विवाद में राजस्थान की आठ करोड़ जनता का मजाक बन रहा है। चिकित्सा विभाग का मजाक बन रहा। यह दोनों मंत्री ऐसे ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहेंगे और अस्पतालों से इस तरह के अमानवीय किस्से निकल कर आते रहेंगे।
जमीन पर चिरंजीवी का क्या हश्र हो रहा है
अशोक लाहोटी ने चिरंजीवी योजना को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सरकार के जितने भी मंत्री चिरंजीवी योजना को इतना बड़ा चढ़ाकर प्रचार करने में लगे हुए हैं। उन्हें शायद नहीं पता किस चिरंजीवी का धरातल पर क्या हश्र हो रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि यह योजना बहुत अच्छी है लेकिन इसकी मुख्य चीजें इस कदर चतुर और बुद्धिमान अधिकारियों ने बनाई हैं, जिससे इस योजना का बंटाधार हो रहा है।
कई बीमारियों का चिरंजीवी के तहत इलाज नहीं कर रहे निजी अस्पताल
अशोक लाहोटी ने कहा कि चिरंजीवी बीमा योजना का अगर आप पैकेज देखें, प्राइवेट अस्पतालों में तो वहां पर करीब-करीब 26-27 गंभीर बीमारियां चिरंजीवी से बाहर रखी गई है। जिसमें कैंसर का इलाज, न्यूरो सर्जरी समेत कई बीमारियां शामिल है, जिन का इलाज प्राइवेट अस्पताल नहीं कर रहे हैं और अगर वह कर भी रहे हैं तो उन्होंने अपने बगल में ही कोई किराए का अस्पताल ले रखा है जिसमें वे मरीजों को भेड़ बकरियों की तरह भर्ती कर रहे हैं, जिससे इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं।
कितने परिवारों ने लिया है 10 लाख का बीमा
अशोक लाहोटी ने कहा कि चिरंजीवी बीमा योजना से अब तक जितने भी परिवारों को कवर किया गया है क्या उन्होंने पूरा पूरा दस लाख या 25 लाख का बीमा लिया भी है। क्योंकि अगर एक व्यक्ति को 5-6 बीमारियां होती हैं तो भी उसका कोई इलाज एक ही पैकेज में होता है, जो कि 5 या चार लाख तक भी नहीं पहुंच पाता। उसका इलाज दो से तीन लाख में हो जाता है तो फिर यह बाकी का पैसा कहां जा रहा है, इन पैसों से मरीजों को अच्छी सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रहे हैं।
लालसोट से बाहर निकलिए मंत्री जी
अशोक लाहोटी ने परसादी लाल मीणा से कहा कि आप तो जयपुर में ही रहते हैं, जयपुर के अस्पतालों की कंडीशन आप क्या आप नहीं देखते, अगर आपके लालसोट से किसी रिश्तेदार को यहां भर्ती होना पड़े तो आप तुरंत फोन घुमा देते हैं, परसादी जी आप लालसोट से बाहर निकलिए, आप सिर्फ लालसोट के मंत्री नहीं है पूरे राजस्थान के चिकित्सा मंत्री हैं और सभी विभागों में सबसे ज्यादा संवेदनशील विभाग आपके नाम है तो इसके प्रति थोड़ा जिम्मेदार बनाए।