Ashok Gehlot Birthday Special : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी फ्लैगशिप योजनाओं के जरिए पूरे देश में चर्चित हो रहे हैं। खुद अशोक गहलोत कई बार यह बात कह चुके हैं कि उन्होंने जो योजनाएं निकाली है उनमें राजस्थान पूरे देश में पहले नंबर पर है। यह योजना सिर्फ कागजों पर ही नहीं धरातल पर भी काम करती दिखाई दे रही है इसकी बानगी गहलोत द्वारा 24 अप्रैल से शुरू किया गया महंगाई राहत कैंप भी साफ-साफ कह रहा है।
पूरे देश में नंबर वन बना राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ योजनाएं ऐसी चलाई हैं जिनकी चर्चा राजस्थान में ही नहीं पूरे देश में हो रही है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य जनता को महंगाई से निजात दिलाना है। कमरतोड़ महंगाई जब एक आम परिवार पर आती है तो कितनी मुसीबतों का सामना होता है यह बात मुख्यमंत्री गहलोत अच्छी तरह जानते हैं। इन्हीं योजनाओं के बलबूते वे एक मजबूत सरकार जनता के बीच रख रहे हैं और उसे ही चुनावों के बीच में लेकर जा रहे हैं सिर्फ कांग्रेस के सर्वे में ही नहीं कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भी कहा है कि इन योजनाओं से ही राजस्थान में सरकार बदलने का रिवाज बदल सकता है और वे इस परिपाटी को तोड़ते हुए नया इतिहास लिखेंगे। हम यह उन योजनाओं की बात कर रहे हैं जो पूरे देश में राजस्थान को नंबर एक की जगह लाकर खड़ा कर रही हैं और उन योजनाओं की पूरे देश में चर्चा हो रही है।
जनता से किया हर वादा किया पूरा
अगर हम गहलोत सरकार के 5 सालों को देखते हैं, तो पाएंगे कि अशोक गहलोत ने अपनी जो छवि जनता के सामने जनता के बीच में बनाई है उसे टक्कर देना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल होने वाला है। राजस्थान में अशोक गहलोत और उनकी सरकार की छवि को उनकी योजनाओं ने जबरदस्त तरीके से मजबूती प्रदान की है। मौजूदा बजट में भी उन्होंने कई ऐसी घोषणा की है जो आमजन के साथ ही हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली हैं।
गहलोत को जीत दिलाएंगी ये मुख्य योजनाएं
इससे पहले भी अगर बात करें तो अशोक गहलोत की मुख्य पांच योजनाएं इस चुनाव में उन्हें जीत दिलाने के लिए काफी नजर आ रही हैं और उनकी ये स्कीम्स ही राजस्थान को पूरे देश में नंबर 1 बनाए हुए हैं। क्योंकि उनकी लोकप्रियता इस कदर बढ़ चुकी है कि अब किसी पार्टी को उन्हें टक्कर देने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। इनमें चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, राइट टू हेल्थ, सामाजिक सुरक्षा योजना, ओल्ड पेंशन योजना, इंदिरा रसोई और पालनहार योजना शामिल है। यही नहीं अशोक गहलोत अपनी योजनाओं को सीधे तौर पर कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की बात तक कह चुके हैं। साथ ही पत्र लिखकर मांग भी कर चुके हैं।
चिरंजीवी ने जीते लोगों के दिल
बात अगर हम चिरंजीवी योजना की करें तो गहलोत सरकार के इन 5 सालों में चिरंजीवी से लगभग राजस्थान के हर जरूरतमंद को कवर किया गया है। 10 लाख तक के फ्री इलाज में उन्होंने उन सभी बीमारियों को शामिल किया जिन का इलाज आम आदमी सपने में भी नहीं देख सकता था, इलाज के लिए या तो उसे अपने घर बार तक बेचने पड़ जाते थे या फिर जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ जाता था लेकिन अशोक गहलोत के इस कदम से उन्होंने जनता को राहत तो दी ही है, साथ ही उनके दिल में खास जगह भी बनाई है। अब तो इस बजट में उन्होंने इस 10 लाख की राशि को बढ़ाकर 25 लाख तक कर दिया है जिसकी चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।
राइट टू हेल्थ ने पूरी कर दी कसर
राइट टू हेल्थ लाकर अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार दे दिया है। हर जरूरतमंद को फ्री इलाज का अधिकार देने से आम जनता के सिर से इलाज में आने वाले भरकम खर्चे का बोझ हटा दिया है। राइट टू हेल्थ को चुनाव में एक मजबूत कड़ी माना जा रहा है।
हर गरीब की थाली को भर रही है इंद्रा रसोई
गहलोत सरकार की एक और लोकप्रिय योजना इंदिरा रसोई है जो आज एक गरीब का पेट भर रही है वह भी मात्र 8 रुपए में। हालांकि वो अलग बात है कि विपक्षी कभी कुछ फोटो या खबरें लाकर इस योजना को धता बताने का काम करते हैं लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आम लोग ही नहीं खास लोग यहां तक कि विदेशी लोग तक भी इंद्रा रसोई के भोजन की भर-भर कर तारीफ कर चुके हैं और इसे बेहद अच्छी योजना करार चुके हैं। मौजूदा समय में पूरे राजस्थान में लगभग 800 रसोई हैं जिन्हें 1000 किया जा रहा है।
अकेले OPS ने ही तैयार कर दी चुनावी जमीन
अशोक गहलोत ने साल 2018 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकार बनने पर राज्य में OPS को लागू करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया और अब तो ओपीएस पर एक बड़ी राजनीति पूरे देश में देखी जा रही है। राजस्थान में लगभग ढाई लाख कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिल रहा है। इसके दायरे में अब सभी निगम-बोर्ड, विवि के कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं।
सामाजिक सुरक्षा और पालनहार योजना दे रही महंगाई से राहत
सरकार की सामाजिक सुरक्षा और पालनहार योजना भी जनता के लिए एक राहत भरी स्कीम्स है। सामाजिक सुरक्षा के जरिए लोगों को उनके बुढ़ापे में 1000 रुपए तक की राशि पेंशन के रूप में दी जा रही है। इतनी राशि अभी तक देश के किसी भी राज्य में नहीं दी जा रही है। वहीं कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को पालने और उनकी शिक्षा से लेकर नौकरी तक का खर्च उठाने का भी जिम्मा इस सरकार ने ले रखा है।
पूरे देश में उभर रहा राजस्थान मॉडल
हाल ही में हुए हिमाचल और गुजरात के चुनाव में ओपीएस का बड़ा रोल रहा। उसने तो हिमाचल में कांग्रेस को जीत तक दिला दी। इसके बाद से ही कई भाजपा शासित राज्य भी अब OPS को लागू करने पर विचार कर रहे हैं यहां तक की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। जिससे साफ है कि अशोक गहलोत अपनी योजनाओं के बलबूते जिस मॉडल राजस्थान को पूरे देश के सामने रख रहे हैं वह मॉडल उन्हें सरकार को 2023 के चुनाव में रिपीट करवाने में काफी हद तक मदद करेगा।