अलवर। जिले प्रताप ऑडिटोरियम के बाहर चल रहे मुख्यमंत्री दिव्यांगजन निशुल्क स्कूटी वितरण कार्यक्रम उस वक्त हंगामा शुरू हो गया, जब एक दिव्यांग महिला हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर कार्यक्रम में पहुंच गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली की मौजूदगी में महिला ने खुलेआम आत्मदाह की चेतावनी दी। साथ ही महिला ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर फ्री स्कूटी वितरण की लिस्ट से नाम काटने के आरोप लगाया। इस दौरान महिला ने करीब आधे घंटे तक जमकर हंगामा किया।
दरअसल, हुआ यूं कि अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम के बाहर सोमवार को मुख्यमंत्री दिव्यांगजन निशुल्क स्कूटी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री टीकाराम जूली, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी, जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान 286 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की गई। कार्यक्रम के दौरान फूटी खेल की रहने वाले दिव्यांग महिला माया देवी और मालाखेड़ा तहसील के बीजवाड़ नरूका निवासी दिव्यांग सुरेंद्र सिंह ने हंगामा शुरू कर दिया। दोनों ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर स्कूटी के लिए नाम काटने का आरोप लगाया।
तभी दिव्यांग महिला ने अपने बैग में से पेट्रोल से भरी बोतल निकाली और खुद पर उड़ेलकर आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने महिला के हाथ से पेट्रोल से भरी बोतल को छीन लिया। पुलिस महिला से समझाइश करती रही। लेकिन,महिला कार्यक्रम के दौरान ही मरने की मांग पर अड़ी रही। इस दौरान महिला ने समाज कल्याण के अधिकारी रविकांत पर लिस्ट में नाम शामिल नहीं करने का आरोप लगाया। वहीं, एक दिव्यांग ने मंत्री टीकाजूली पर भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। हालांकि, पुलिस ने समझाइश के बाद मामला शांत करा दिया।
दिव्यांग महिला ने लगाया ये आरोप
फूटी खेल की रहने वाले दिव्यांग महिला माया देवी ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारी रवि कांत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने हमारे साथ अन्याय किया है। साथ ही महिला ने दावा किया कि इन्होंने पैसों वाले लोगों को स्कूटी वितरित की है। हम स्कूटी के लिए पागलों की तरह चक्कर काटते रहे और अधिकारियों को सारे डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध करा दिए। इसके बावजूद भी स्कूटी नहीं दी जा रही है। महिला ने कहा कि मेरा नंबर 220 पर था, अब 263 में भी नंबर नहीं है। ये बात मुझे महेश बाबू ने बताई। लेकिन, उनका ट्रांसफर होने के बाद जब रविकांत सर से मुताकात कि तो उन्होंने कहा कि नियमों में होगा तो स्कूटी मिल जाएगी। लेकिन, बाद में कहा गया कि डॉक्यूमेंट्स पूरे नहीं होने के कारण स्कूटी नहीं मिल पाएगी। इस बारे में विभागीय अधिकारियों ने अवगत भी नही कराया।
दिव्यांग सुरेंद्र सिंह ने मंत्री पर लगाया आरोप
इधर, मालाखेड़ा तहसील के बीजवाड़ नरूका निवासी दिव्यांग सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मैं खुद दिव्यांग प्रकोष्ठ का उपाध्यक्ष हूं। मेरा नाम भी इसी लिस्ट में था, लेकिन मेरा नाम भी पीछे कर दिया। सुरेंद्र सिंह ने मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने भी मुझे भरोसे में रख दिया। जबकि मैं परसों ही उनके पास दो घंटे बैठकर आया था। मंत्री से जब मैंने कहा कि मेरा 100 में भी नाम नहीं है तो उन्होंने कहा कि 101 मिलेगी तो उसमें तुम्हारा नाम होगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। मेरी भावनाओं के साथ खिलवाड़ हुआ है। मेरा आज हम आदमी मजाक उड़ाता है।
जितेंद्र सिंह बोले- दो महीने में 400-500 स्कूटी और बांटेंगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज 286 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की गई। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और समाज कल्याण मंत्री टीकाराम जूली को बधाई। स्कूटी मिलने से दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी साफ देखी जा रही थी। गहलोत सरकार ने दिव्यांगों के लिए जो काम किया है, वो पूरे देश में बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि अलवर जिले में आने वाले दो महीने में 400-500 स्कूटी और बांटी जाएगी।
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