जयपुर। भारतीय नवसंवत्सर 2080 का शुभारम्भ (Hindu New Year 2023) आज से हो गया है। इस नवसंवत्सर का नाम ‘पिंगल’ है। नवसंवत्सर की शुरूआत के साथ ही आकाशीय ग्रहों की सत्ता भी बदल गई है। इस बार नवसंवत्सर में ग्रहों की सत्ता बुध के हाथ में रहेगी। वहीं शुक्र को मंत्री पद प्राप्त होगा। ज्योतिषियों के अनुसार पिंगल नामक संवत्सर में धरती पर वर्षा एवं अन्न का उत्पादन मध्यम होगा। प्रजा में सुख एवं ऐश्वर्य के साधनों में वृद्धि होगी। राजा अपने बल पर शत्रुओं की भूमि का उपयोग करेंगे।
ज्योतिषि पं. शोभित शर्मा ने बताया कि बुध के राजा होने से पृथ्वी सजल रहेगी। प्रजा में मांगलिक कार्य होंगे। व्यापारी, शिल्प कार्य से जुड़े लोग, लेखक, वैध एवं चिकित्सक लाभान्वित होंगे। शुक्र के मंत्री होने से वर्षा का श्रेष्ठ योग है। कहीं-कहीं अतिवृष्टि से भूस्खलन, बाढ़ से फसलों को नुकसान का योग है। धान्य, चांवल, रूई, कपास, गन्ना आदि की अच्छी पैदावार होगी। संवत्सर का वाहन अश्व और इसका निवास धोबी के घर रहेगा। इससे भी श्रेष्ठ वर्षा का योग है। नवसंवत्सर के पहले दिन लोग मंदिरों में आराध्य के दर्शन कर दिन की शुरूआत करेंगे।
इन ग्रहों को मिला ये पद
बुध -राजा
शुक्र – मंत्री
सेनापति – गुरु
दण्डेश – चन्द्र
सीमाधिपति – शनि
सस्येश – सूर्य
धान्येश – शनि
मेघेष – शनि
रसेश – मंग
Happy Hindu New Year 2023 : नवसंवत्सर के स्वागत में होंगे कई आयोजन
नवसंवत्सर के स्वागत में बुधवार को शहर के मंदिरों के साथ ही विभिन्न जगहों पर कई आयोजन होंगे। आराध्य देव गोविन्द देवजी मंदिर में शृंगार झांकी से पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। ठाकुरजी को नवसंवत्सर का पंचाग सुनाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर के मुख्यद्वार पर गज पूजन किया जाएगा। गलताजी में स्वामी अवधेशाचार्य महाराज के के सानिध्य में चैत्र नवरात्र एवं रामनवमी महोत्सव मनाया जाएगा। युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि प्रथम दिन घटस्थापना की जाएगी। शाम को 5 बजे से 31 हजार दीपक प्रज्वलित कर हिंदू नववर्ष नवसंवत-2080 का शुभारंभ किया जाएगा। नौ दिन तक सामूहिक नवाह्नपरायण पाठ किया जाएगा। 30 मार्च को राम नवमी पर भगवान श्री राम का जन्म महोत्सव मनाया जाएगा। इसके तहत 500 प्राचीन श्री रामलला के चतुर्भुज विग्रह की सुबह श्री गलता से श्रीनिवास के बालाजी तक शोभायात्रा निकाली जाएगी।
देवी मंदिरों में उमड़ेगी आस्था
चैत्र नवरात्रि के शुभारम्भ के साथ ही शहर के देवी मंदिरों में माता के भक्तों का हुजूम उमड़ा नजर आएगा। आमेर स्थित शीला माता मंदिर में सुबह 6:30 बजे से घटस्थापना वैदिक विधान के साथ की जाएगी। इसके बाद भक्तों के लिए माता के दर्शनार्थ पट खोले जाएंगे। मंदिर में नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशति के पाठ होंगे। मंदिर में चैत्र नवरात्र का मेला भी रहेगा।
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