जयपुर। जोधपुर में वकील की हत्या के बाद एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को नोटिस जारी किया है साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को जवाब देने का 2 हफ्ते का समय दिया है।
केंद्र राज्य और BCR को 2 हफ्ते का दिया समय
राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यकारी कार्यकारी जस्टिस अमन श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की पीठ ने इस मामले की। उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कहा- केंद्र और राज्य सरकार हाथ मिला कर काम करें, इस मामले में किसी प्रकार की कोई राजनीति नहीं करें। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव और एडवोकेट प्रह्लाद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया राज्य सरकार और केंद्र सरकार को कोर्ट में जवाब पेश करने का 2 हफ्ते का समय दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने की पैरवी की।
कार्य बहिष्कार नहीं कर सकते एडवोकेट
अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए हरीश उप्पल केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक एडवोकेट कार्य बहिष्कार नहीं कर सकते हैं। जिस पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने कहा कि मैं अपने प्रयासों से सभी बार एसोसिएशन से बात करके समाधान की कोशिश करता हूं। इसके लिए उन्होंने तीन दिन का समय मांगा था। मनन मिश्र ने कोर्ट से यह निवेदन भी किया कि अब नोटिस जारी नहीं किया जाए।
9 मार्च को होगी अगली सुनवाई
इधर बार काउंसिल ऑफ राजस्थान यानी बीसीआर के वाइस चेयरमैन बलजिंदर सिंह ने कहा कि आपसी समझौते से कोई हल निकलता है तो ज्यादा बेहतर होगा। कोर्ट में महाधिवक्ता एमएस सिंघवी, ASG RD रस्तोगी ने भी अपना पक्ष रखा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी।