Rajasthan Election 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने सभी 200 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वहीं प्रत्याशियों के नामांकन का आज आखिरी दिन है। सभी पार्टियों के सभी प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने की दावेदारी जताते हुए ताल ठोक दी है। इस बार राजस्थान की सभी सीटों पर रोचक मुकाबला होगा। उसमें बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी विधानसभा सीट इस बार सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। ऐसा इसलिए कि यहां से 6 बार के विधायक रहे हेमाराम चौधरी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
दरअसल, हेमाराम चौधरी ने उम्र का हवाला देते हुए कहा था कि अब वह 75 साल के हो गए हैं, इसलिए युवाओं को मौका मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा था कि अब यहां से किसी युवा को मौका मिलना चाहिए। पार्टी ने उन्हें भी युवा अवस्था में बड़ा अवसर दिया था। उन्होंने विधिवत इसके लिए 26 अक्टूबर को एक पत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम लिखा था।
उसके बाद यह माना जा रहा था कि गुड़ामालानी सीट से हेमाराम चौधरी की बेटी या उनके किसी परिचित को टिकट मिलेगा। क्योंकि, उनका यह पत्र ऐसे ही संकेत दे रहा था। लेकिन कांग्रेस ने 78 साल के सोनाराम को गुड़ामालानी से पार्टी ने मैदान में उतारा है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही पूर्व सांसद सोनाराम ने कांग्रेस जॉइन की थी।
कांग्रेस ने बुजुर्ग नेताओं को दिया टिकट…
कांग्रेस पार्टी में इस बार बुजुर्ग नेताओं को खूब मौका मिला है। बूंदी से 84 साल के हरिमोहन शर्मा, 85 साल के दीपचंद खेरिया को टिकट दिया है। वहीं, जहां युवा चेहरा अभिषेक चौधरी को झोटवाड़ा से टिकट मिला है और अभिमन्यू पूनियां को संगरिया से पार्टी ने मैदान में उतार दिया है। सवाल उठ रहा है कि जब हेमाराम ने 75 साल की उम्र में चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, तब उनकी बात को दरकिनार कर पार्टी ने किसी और उम्रदराज को क्यों मौका दिया होगा?
सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने 78 साल की उम्र में पूर्व सांसद सोनाराम चौधरी को टिकट दे दिया है। सोना राम ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस तब ज्वाइन किया जब हेमाराम ने युवा को चुनाव में उतारने की वकालत करते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
पत्र में क्या लिखा था…
26 अक्टूबर 2023 को हेमाराम चौधरी ने एक पत्र लिखा था। यह पत्र उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा, ‘पार्टी ने मुझे छह बार विधानसभा के सदस्य के रूप में जनता की सेवा करने का अवसर दिया। इस दौरान मैं अलग-अलग पदों पर रहा, किंतु मैं अब जीवन के ऐसे पड़ाव पर खड़ा हूं जहां मैं खुद को सक्रीय राजनीति जीवन के पूरी तरह जीवन समर्पित नहीं कर सकता।
उनका यह भी कहना था अगर इस एहसास के बावजूद मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं राजस्थान की जनता और पार्टी के लिए बड़ा अन्याय होगा। उन्होंने कहा आगामी चुनाव में प्रत्याशी के रूप मैं नहीं बल्कि साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा लूंगा।’ हेमाराम चौधरी ने गुड़ामालानी सीट से नए कांग्रेस कार्यकर्ता को मौका मिलने की वकालत की थी, लेकिन अब पार्टी ने उनकी बात को दरकिनार करते हुए सोनाराम चौधरी को मैदान में उतार दिया है।