झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल करने से दो महिला डॉक्टरों ने मना कर दिया। मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ ने कार्रवाई करते हुए दोनों डॉक्टरों को एपीओ कर जयपुर भेज दिया है। दोनों डॉक्टरों के कारण दुष्कर्म पीड़िता को मेडिकल के लिए करीब 6 घंटे इंतजार करना पड़ा था।
जानकारी के अनुसार, पचेरी थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की को 3 दिन पहले एक युवक बहला फुसलाकर भगा ले गया था। पुलिस ने सोमवार को लड़की को दस्तयाब किया और उसका मेडिकल कराने के लिए पचेरी अस्पताल लेकर गई। अस्पताल प्रभारी डॉक्टर वृतिका हॉस्पिटल में नहीं मिली।
जब उन्हें कॉल किया तो उन्होंने मेडिकल करने से मना कर दिया और फिर अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने बीसीएमओ डॉ. जगवीर भगासरा को सूचना दी तो उन्होंने बुहाना सीएचसी ले जाकर मेडिकल कराने को कहा। इसके बाद पुलिस करीब शाम पांच बजे पीड़िता को लेकर बुहाना सीएचसी पहुंची। यहां भी डॉक्टर संतोष भगासरा ने मेडिकल करने से मना कर दिया। पुलिस और परिजन देर रात तक पीड़िता का मेडिकल कराने के बुहाना सीएचसी में रहे।
दोनों डॉक्टरों के साफ-साफ मना करने पर बीसीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने एक टीम का गठन किया। इस टीम में भैसावता पीएचसी की डॉ. निकिता और कुहाडवास पीएचसी की डॉक्टर सरिता जांगिड़ को शामिल किया। डॉ. निकिता तो बुहाना सीएचसी पहुंच गई, लेकिन कुहाड़वास की डॉक्टर सरिता रात 10 बजे तक भी बुहाना नहीं पहुंची। तब तक पीड़िता व उसके परिजनों तथा पुलिस को इंतजार करना पड़ा। करीब सवा दस बजे बुहाना पहुंची तब मेडिकल किया जा सका।
CMHO बोले- यह अनुशासनहीनता…
मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने पचेरी कला पीएचसी की डॉ. वृतिका और बुहाना सीएचसी की डॉ. संतोष भगासरा को पीड़िता का मेडिकल करने के निर्देश दिए थे। दोनों ने राजकार्य करने से मना कर दिया। यह आदेशों की अवहेलना और अनुशासनहीनता है। दोनों को निदेशालय जयपुर के लिए एपीओ किया गया है। सीएमएचओ डांगी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।