अयोध्या में बने श्रीराम के भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी होने वाला है। देश के कोने-कोने से लोग इस मौके पर पहुंचकर इसका गवाह बनाना चाहते हैं। कोटपूतली के 10 साल के हिंमाशु भी 704 किलोमीटर स्केटिंग करके अयोध्या पहुंचेंगे। 7वीं कक्षा में पढ़ रहे हिमांशु का कहना है कि एक दिन वह यूट्यूब देख रहा था तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग पैदल ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में पहुंचेंगे। इससे वो प्रेरित हुए और स्केटिंग करके अयोध्या पहुंचने का फैसला किया। उनके साथ पापा और भाई भी अयोध्या जा रहे हैं। हिमांशु का कहना है कि सर्दी तो है पर भगवान श्रीराम की कृपा है। हिमांशु सोमवार को कोटपूतली से हाथ में ध्वज लेकर स्केटिंग करते हुए अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं।
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राम के जयकारों से हुआ स्वागत
हिमांशु का कहना है जब मैंने अयोध्या पहुंचने के लिए माता-पिता को बताया तो उन्होंने हामी भर दी। पिता की परमिशन मिली तो सोमवार सुबह 9:00 बजे हिमांशु स्केटिंग शूज पहकर यात्रा पर निकल पड़ा। कोटपूतली शहर के अग्रसेन तिराहे पर समाजसेवी तरुण पटेल और मुकेश गोयल हिमांशु का स्वागत किया, यात्रा की शुभकामनाएं दीं और जय श्रीराम के नारे के साथ विदा दी।
सोमवार दोहपर को हिमांशु कोटपूतली से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर बानसूर कस्बे में पहुंचा तो लोगों ने श्रीराम के जयकारों के साथ उनका स्वागत किया। हिमांशु के साथ उनके भाई और पिता कार में चल रहे हैं। कार में दवाएं, गर्म कपड़े और जरूरी सामान हैं। यात्रा के दौरान रात में विश्राम रहेगा और दिनभर हिमांशु स्केटिंग पर अयोध्या के रास्ते पर बढ़ेगा।
16 जनवरी तक अयोध्या पहुंचेगा अयोध्या
बानसूर पहुंचने पर हिमांशु बोले-22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। जो लोग अयोध्या नहीं जा रहे हैं, उनसे अपील है कि अपने घर पर रहकर ही 22 जनवरी को 5 दीपक जरूर जलाएं। मेला टूर 8-9 दिन में पूरा हो जाएगा। मैं 16 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाऊंगा। रास्ते में होने वाला खर्च मेरे पिता ही उठाएंगे। हिमांशु ने बताया कि मेरे पिता कोटपूतली में बिजली फिटिंग का काम करते हैं।
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मां कृष्ण देवी गृहिणी हैं। हिमांशु ने एक साल में ही स्केटिंग सीखी है। स्केटिंग करते हुए हिमांशु एक हाथ में भगवा ध्वजा लेकर चल रहा है। बानसूर के अंबेडकर सर्किल पहुंचने पर ग्रामीणों ने हिमांशु का स्वागत किया। हिमांशु बानसूर के रास्ते अलवर जाएगा। इसके बाद भरतपुर, आगरा होते हुए लखनऊ से अयोध्या पहुंचेगा।