प्रतापगढ़: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत 2 दिवसीय वागड़ दौरे पर है जहां रविवार को सीएम चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी में महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने के बाद प्रतापगढ़ पहुंचे और जनता को 50.74 करोड़ रुपए के विकास कामों की सौगात दी. वहीं सीएम ने कहा कि प्रतापगढ़ में 5 साल में 7 महाविद्यालय खोले गए जो एक ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं की पूरे देश में सराहना हो रही है और जनता की भावना के अनुरूप आगे भी किसी तरह की कोई कमी नहीं रखी जाएगी.
वहीं गहलोत ने एक बार फिर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किए जाने का मुद्दा उठाया. इस दौरान सीएम ने लुहारिया गांव में महंगाई राहत कैंप और प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर का अवलोकन किया और लाभार्थियों को योजनाओं के गारंटी कार्ड सौंपकर उनसे संवाद कर मिल रहे लाभ का फीडबैक भी लिया.
प्रतापगढ़ जिले में खुलेगा मेडिकल कॉलेज
गहलोत रविवार को प्रतापगढ़ के लुहारिया गांव में 50.74 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतापगढ़, जालोर, राजसमंद में मेडिकल कॉलेज खोलने से मना कर दिया गया था जिसके बाद इस पर राज्य सरकार स्वयं इन जिलों में कॉलेज स्थापित करा रही है और प्रतापगढ़ जिले के मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दे दी गई है.
मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करे केंद्र सरकार
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कराने की दिशा में भी राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है और केंद्र सरकार से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कराने के लिए बार-बार आग्रह किया गया, लेकिन हाल में प्रधानमंत्री ने अपने दौरे में भी इसकी घोषणा नहीं की. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा मना किए जाने पर राज्य सरकार राज्य निधि से मानगढ़ में विकास के काम करवाएगी.
प्रतापगढ़ में खोले 7 कॉलेज
इसके अलावा सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने साढ़े चार सालों में 303 कॉलेज खोले हैं और इनमें जिले के युवाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 7 महाविद्यालय खोले गए हैं. वहीं इसके साथ ही जिले में 70 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ जिले का विकास हमारी जिम्मेदारी है.
एससी-एसटी विकास कोष में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार ने किसी भी स्तर पर कमी नहीं रखी है और अनुसूचित जाति-जनजाति विकास कोष की राशि 100-100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500-500 करोड़ रुपए करने का प्रावधान किया गया है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सकेगा.