Rajasthan : ERCP योजना को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ( Kirodi Lal Meena ) ने अपने हजारों समर्थकों के साथ जयपुर ( Jaipur ) कूच कर दिया है। इस कूच के तहत विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर औऱ पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित कई नेता सीएम आवास का घेराव करेंगे। इससे दौसा ( Dousa ) के नांगल प्यारी वास में जल क्रांति ( Jal Kranti ) को लेकर एक बड़ी सभा हुई। इस सभा में ईआरसीपी ( ERCP ) को लागू करवाने की मांग पर चर्चा हुई। इस सभा का नेतृत्व किरोडी लाल मीणा ने ही किया।
लेकिन किरोड़ी मीणा औऱ उनके समर्थकों को जसवाड़ा में ही रोक दिया गया है। पुलिस ने उनके काफिले के आगे बैरिकेडिंग कर दी है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी जटवाड़ा पहुंच गए हैं। औऱ किरोड़ी लाल मीणा से समझाइश कर रहे हैं। गौरतलब है कि आज दोपहर में ही विश्वेंद्र सिंह ने किरोड़ी लाल मीणा से इस जयपुर कूच को स्थगित करने का आग्रह किया था।
वहीं किरोड़ी मीणा ने विशाल सभा को संबोधित करते हुए लोगों को ERCP योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत की तरफ निशाना साधते हुए कहा कि या तो हमारे लिए चंबल का पानी छोड़ो या फिर गद्दी छोड़ो। किरोड़ी ने तंज कसते हुए कहा कि परियोजना को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार कहती है कि उनके पास बजट नहीं है पैसे नहीं है। तो मोदी सरकार के पास क्या खजाना है?
राजेंद्र राठौर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे मेेरे भाई हैं। उनका और मेरा रिश्ता दो आत्मा औऱ एक शरीर वाला है। इस पर राजेंद्र राठौर ने कहा कि हम यहां जिस रास्ते आए हैं, उस पूरे रास्ते भर में किरोड़ी लाल मीणा की बात हो रही थी उनके जयकारे गूंज रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि एक भागीरथ थे जो गंगा को धरती पर लेकर आए थे। औऱ एक किरोड़ी लाल हैं जो इस दौर में जनता के लिए भागीरथ बने हुए हैं।
दरअसल दौसा से निकली यह जल क्रांति किरोड़ी मीणा के नेतृत्व में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ERCP के प्रस्ताव में तकनीकी खामियों को दूर करवाने की मांग को लेकर हो रही है। प्रदेश की 75 विधानसभा क्षेत्रों के 75000 जलक्रांति वीर, हाथों में 75000 तिरंगे झंडे लेकर 75 किलोमीटर दूर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास का घेराव करने के इरादे से जयपुर कूच कर रहे हैं। सांसद किरोड़ी मीणा का कहना है कि राज्य की सरकार मध्य प्रदेश सरकार से एनओसी लेकर प्रस्ताव को केंद्र सरकार तक भिजवाएं, ताकि यह राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो सके और 13 जिलों के लोगों को पानी मिल सके।