Rajasthan Politics : BJP ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर दलित उत्पीड़न मामले में असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता में कहा कि कांग्रेस के लगभग 4 सालों में राजस्थान (Rajasthan) दलित अत्याचारों का गढ़ बन चुका है, इस बात की पुष्टि उनके ही विधायक व नेताओं की तरफ से लगातार सरकार के खिलाफ दिए जा रहे बयानों से हो रही है। यदि आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में 26 हजार 900 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए। इनमें सैकड़ों मामले प्रदेश में दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं के हैं।
दुष्कर्म के कई मामलों सीबीआई जांच की मांग को अनदेखा किया
गोठवाल ने कहा कि गहलोत सरकार ने भाजपा द्वारा दलित महिला दुष्कर्म के कई मामलों CBI जांच की मांग को अनदेखा किया गया। नतीजतन प्रदेश में लगातार दलित अपराध व महिला दुष्कर्म के मामले 12.9 प्रतिशत बढ़े। आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान प्रदेश में दलितों दूल्हों को घोड़ी से उतारना, किसी दलित द्वारा विद्यालयों में पकाए जाने वाले खाने का बहिष्कार करना, जैसी घटनाएं आम हो रही हैं। इससे सरकार की दलितों के प्रति असंवेदनशीलता का पता चलता है।
गोठवाल ने चूरू में दलित महिला के साथ थाने में हुए बलात्कार के मामले जिक्र करते हुए कहा कि गहलोत सरकार के राज में दलित महिलाएं पुलिस थाना, अस्पताल, मंदिरों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षित नहीं है, प्रदेश में साढ़े तीन साल के शासन में कई दलितों के साथ धर्म विशेष द्वारा मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई, जिस पर गहलोत सरकार ने तुष्टीकरण
की नीति अपनाते हुए कोताही बरती, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दलित अत्याचारों के मामले में राजस्थान शीर्ष पर है दलित समाज से आने वाले कांग्रेस के विधायक व नेताओं के हस्तक्षेप के बाद भी सरकार मौन साधे हैं।