Rajasthan Election 2023: एक कहावत तो आपने सुनी होगी, जहां देखें भरी परात वहीं नाचे सारी रात….इस बात का राजस्थान की राजनीति में दलबदलने वाले नेताओं ने सार्थक किया है। राजनीति विचारधारा किसी भी राजनेता की पहचान होती है लेकिन आज कल यह महज कहने की बात रह गई है। नेता को जिस पार्टी से टिकट मिलता है वो उसी पार्टी का झंडा उठा लेता है। ऐसा ही कुछ नजारा राजस्थान के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है। जहां पर बीजेपी नेताओं को कांग्रेस तो कांग्रेस नेताओं को बीजेपी टिकट दे रही है। पार्टियों का मुख्य उद्देश्य चुनाव में बेहतर प्रर्दशन करने के साथ ही अपनी सरकार बनाना है। जबकि नेताओं को सरकार का हिस्सा बनना है। विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए पार्टियों को अलविदा कह कर दूसरी पार्टी में जाने वाले नेताओं की लिस्ट देखिए…
कर्नल सोनाराम ने थाना कांग्रेस का हाथ
गुढ़ामालानी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने कर्नल सोनाराम को टिकट दिया है। कर्नल सोनाराम लंबे समय तक बीजेपी में थे। वह बीजेपी से सांसद भी रहे. लेकिन इस बार जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गये।
गिर्राज सिंह मलिंगा ने छोड़ी पार्टी
धौलपुर के बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का टिकट आखिरी समय तक अटका रहा। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर मलिंगा बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी में शामिल होने के दो दिन बाद ही उन्हें बीजेपी से टिकट मिल गया।
कांग्रेस के हुए प्रशांत परमार
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के महज 6 घंटे बाद ही प्रशांत परमार को बाड़ी विधानसभा से टिकट मिल गया. कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रशांत परमार ने बगावत कर दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
6 घंटे में मिला मनीषा गुर्जर को टिकट
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं मनीषा को भी प्रशांत परमार की तरह महज टिकट मिल गया। कांग्रेस ने उन्हें खेतड़ी से विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। मनीषा गुर्जर पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर की बेटी हैं।
बीजेपी के विकास अब कांग्रेस में
किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बीजेपी के विकास चौधरी को टिकट दिया है। 2018 के चुनाव में विकास बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने किशनगढ़ सीट से सांसद को मैदान में उतारा है। ऐसे में बगावती चेवर दिखाते हुए विकास चौधरी ने बीजेपी का साथ छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
शोभारानी कुशवाह को बीजेपी ने निकाला
शोभारानी कुशवाह बीजेपी विधायक हैं, लेकिन इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। राज्यसभा चुनाव के दौरान शोभारानी की क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस को जीत मिली थी। उसी समय से उन्हें बीजेपी से निष्काशित कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया है।
ज्योति मिर्धा अब बीजेपी में
कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली ज्योति मिर्धा इस बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने उन्हें नागौर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
सुरेंद्र गोयल अब कांग्रेस में
राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल अब कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं. पाली जिले की जैतारण सीट से बीजेपी ने सुरेंद्र को मैदान में उतारा है।
बसपा विधाकय पहले ही कांग्रेस में
वाजिब अली, जोगेंद्र सिंह अवाना, लाखन सिंह ये तीनों पिछले चुनाव में बसपा के सिंबल पर जीते थे। लेकिन अब वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में चुनाव जीतने के बाद गहलोत उन्हें अपने साथ ले आए थे। जिसके बाद अब कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा का टिकट दिया है।