Rajasthan Assembly : आज सदन में श्री नाथद्वारा मंदिर और सांवलियाजी मंदिर विधेयक पर चर्चा के बीच माहौल काफी गरम हो गया। इस पर चर्चा के करते हुए देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि जिसके आंसू बहते हैं उस तक या तो ईश्वर पुहुंचते हैं या फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचते हैं। इस पर राजेंद्र राठौड़ समेत भाजपा नेताओं ने सदन में हंगामा कर दिया।
मुख्यमंत्री की तुलना ईश्वर से कैसे की
उन्होंने कहा कि आपने मुख्यमंत्री की तुलना ईश्वर से कैसे कर दी, आप इसे डिलीट करवाइये, इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने फटकार लगाते हुए कहा कि एक महिला मंत्री अगर अपनी बात रख रही है तो आपको क्या समस्या है। इसके बाद शकुंतला रावत ने सदन में देवस्थान विभाग के कार्यों का लेखा-जोखा रखा।
पुजारियों की हत्याओं का उठाया मुद्दा
शकुंतला रावत के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश में हो रहे पुजारियों और धर्मगुरुओं की हत्या का मुद्दा उठाया। उन्होंने एक-एक आंकड़ें पेश कर सरकार पर धर्मगुरू प्रोटेक्शन बिल का मुद्दा उठाया। इस पर सभापति ने कहा कि आप मुद्दे से मत भटकिए, आप सिर्फ बिल पर अपनी बात रखिए। इतने में बाल विकास मंत्री ममता भूपेश न कहा कि आप इधर-उधर की बात छोड़कर नाथद्वारा और सांवलिया मंदिर के बिल पर बात करिए। तब राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि लोकतंत्र की एक बात बेहद खूबसूरत है कि सदन में जो भी बोला जाता है वो सब रिकॉर्ड रहता है।
आपकी तरह नास्तिक नहीं – राठौड़
ममता भूपेश से उन्होंने कहा कि आपने आज जो हिंदू धर्म को लेकर जो कुछ कहा है कि एक-एक चीज निकाल कर जाऊंगा और सिकराय के एक-एक घर में आपका असली चेहरा लाकर रखूंगा। इस पर बीडी कल्ला ने कहा कि उन्होंने विरोध नहीं जताया था उन्होंने सिर्फ बिल पर बात रखने को कहा था। इतने में ममता भूपेश ने कहा कि आप सिर्फ सांवलिया मंदिर पर बात रखिए, इधर-उधर का मत बोलिए, तो राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मैं हर महीने सांवलिया सेठ जी के मंदिर जाता हूं आपकी तरह नास्तिक नहीं हूं।
हनुमान चालीसा पर कॉम्पटीशन
तो ममता भूपेश ने कहा कि आपने मुझे नास्तिक कैसे बोला, मैंने मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर का टीका माथे पर लगाया है, उन्होंने सभापति से इस तथ्य को डिलीट करने कहा, तो राजेंद्र राठौड़ ने माफी मांगते हुए कहा कि आप सदन में हनुमान चालीसा पढ़कर सुना दो, इसके बाद वे खुद ही चालीसा पढ़ने लगे। राठौड़ के साथ दूसरे भाजपा विधायक भी चालीसा पढ़ने लगे। फिर बीडी कल्ला ने कहा कि आप पहेल चालीसा सुना दो फिर मैं सुना देता हूं। चालीसा की गहमागहमी के बीच सभापति खड़े हुए उन्होंने सदन को शांत कराया जिसके बाद कार्यवाही शुरू हुई।