कांग्रेस को अब उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल गया है। एक तरफ अब राजस्थान के सियासी हालात सुधरने की अटकलें लगाई जा रही हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान की तेजतर्रार और बेबाक तरीके से अपनी बात रखने वाली विधायक दिव्य़ा मदरेणा के ट्वीट ने एक बार इस सियासत को गर्मा दिया है। दरअसल कल मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत की बधाई देने के लिए राजस्थान के भी नेता पहुंचे थे, इनमें कांग्रेस आलाकमान की ओर से भेजे गए नोटिस वाले नेता भी थे। इसी को लेकर दिव्या मदरेणा ने उन पर तंज कसा है।
दिव्या मदरेणा ने ट्वीट करते हुए कहा कि “हाईकमान के खिलाफ साजिश वाले लोग सबसे पहले हैं जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए हैं. संयोग से खड़गे विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों में एक थे, जिन्होंने बाद में अनुशासन समिति को एक लिखित रिपोर्ट सौंपी और जिसके आधार पर नोटिस जारी हुए.”
दिव्या ने अपने ट्वीट में एक दोहा लिखते हुए कहा कि ‘कभी घमंड न कीजिए, समय बड़ा बलवान, किए रंक राजा कई, निर्धन को धनवान’। दिव्या ने लिखा कि “समय का फेर है. खड़गे जी के लाख बुलाने पर मिलने तक नहीं आए, विधायक दल की मीटिंग को बॉयकॉट कर समांतर मीटिंग की और यही मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री प्रतिनिधि बनकर आए तो खड़गे जी के सामने शर्त रखी कि जो फैसला होगा वह 19 अक्टूबर के बाद होगा व हम सिर्फ सोनिया गांधी जी से मिलेंगे.”
दिव्या के इस ट्वीट से ये तो साफ है कि उन्होंने सीधे तौर पर शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि जो लोग आलाकमान के खिलाफ खड़े हो गए थे जिन्होंने पर्यवेक्षक बनकर आए खड़गे से मिलने तक के लिए मना कर दिया आज वही उनके अध्यक्ष बनने पर सबसे पहले बधाई देने के लिए दिल्ली तक पहुंच गए।
जीत के बाद नोटिस पाने वाले तीनों नेता खड़गे से मिले थे
आपको बता दें कि बीते बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था। अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई की जद में आए राजस्थान के तीन नेता महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ शामिल थे। इन्होंने भी खड़गे को बधाईयां दी। इनके साथ राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी थे।
तीनों नेताओं पर ये थे आरोप
राजस्थान के मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी, यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी RTDC के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली से पर्यवेक्षक बनकर जयपुर आए अजय माकन व मल्लिकार्जुन खड़गे की बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया व अलग से समानांतर बैठक की। आलाकमान नेे इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए तीनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस थमाया था जिसका जवाब उन्होंने दे भी दिया है।
इन आरोपों को विस्तार से बताएं तो शांति धारीवाल संसदीय कार्यमंत्री होने के बावजूद बैठक में नहीं गए थे और स्टेटमेंट जारी करने के साथ उन्होंने अपने आवास पर ही समानांतर बैठक बुलाई थी। वहीं महेश जोशी मुख्य सचेतक हैं लेकिन इसके बावजूद वे विधायक दल की बैठक में नहीं गए। धर्मेंद्र राठौड़ पर आरटीडीसी चेयरमैन और पीसीसी सदस्य होने के बावजूद विधायकों की आनाधिकृत बैठक की रणनीति बनाने का आरोप लगा है। इन तीनों ही नेताओं ने अपने जवाब आलाकमान को भेज दिए हैं लेकिन इस पर आलाकमान की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दिव्या मदेरणा ने शुरूआत से ही तीनों नेताओं पर लगा रही गंभीर आरोप
25 सितंबर को हुए इस घमासान के बाद से ही दिव्या मदेरणा के निशाने पर तीनों नेता शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ हैं। उन्होंने इन तीनों नेताओं को गद्दार तक करार दिया। मदरेणा ने इन तीनों नेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग भी उठाई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “सख्त कार्रवाई हो ताकि यह नजीर पेश हो कि कोई किसी भी पद का व्यक्ति अनुशासनहीनता का हिस्सा बने तो उस पर कार्रवाई होगी। मदरेणा ने कहा था कि पूरे राजस्थान व भारत में यह संदेश जाएगा कोई इस तरीके की पार्टी विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बन आलाकमान को ललकारे ,अनुशासनहीनता करेंगे तो उस पर गाज गिरेगी.”
यह भी पढ़ें- जयराम ठाकुर पर CM गहलोत का पलटवार, बोले- आखिर OPS के खिलाफ क्यों हैं बीजेपी ?