आज सीएम अशोक गहलोत ने इन्दिरा रसोई योजना की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में अशोक गहलोत ने तय किया है कि अब सभी विधायक एक-एक कर हर महीने इंदिरा रसोई में खाना खाएंगे। इससे रसोई के भोजन का निरीक्षण भी होगा और उसकी गुणवत्ता भी बनी रहेगी। सीएम गहलोत ने यह फैसला इसलिए लिया है कि जिससे आम जनता को यह भरोसा हो कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण, पौष्टिक भोजन मिल रहा है औऱ आगे भी मिलता रहेगा।
तब सीएम अशोक गहलोत ने इंदिरा रसोई में खाया था खाना
बता दें कि जोधपुर में इंदिरा रसोईयों के उद्घाटन के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिय़ों और विधायकों के साथ इंदिरा रसोई में भोजन किया था। जिसके वीडियो खूब पसंद किए थे औऱ वायरल भी हुए थे। अब सीएम ने विधायकों को यह आदेश जारी कर इंदिरा रसोई की गुणवत्ता में सुधार की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है।
कोई भूखा न सोए संकल्पना को दिया जा रहा है मूर्त रूप
गौरतलब है कि प्रदेश भर में रसोईयों की संख्या बढ़कर 870 हो गई है। इससे पहले 358 रसोईयों की संचालन किया जा रहा था। बता दें कि यह कार्य मुख्यमंत्री के ‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को मूर्त रूप देन के अंतर्गत किया गया है। इसलिए आने वाले 1 से 2 माह में प्रदेश में रसोइयों की संख्या 1000 की जाएगी।
पूरे प्रदेश में 1000 रसोईयों का है लक्ष्य
वर्तमान में 870 रसोइयां संचालित हैं, जिन्हें बजट घोषणा में बढ़ाकर 1000 किया गया है। योजनान्तर्गत प्रतिवर 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जिसे वित्तीय वर 2022-23 की बजट घोषणा में बढ़ाकर 250 करोड़ रुपए किया गया। योजना के तहत अनुदान के लिए 50 प्रतिशत राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान तथा शेष 50 प्रतिशत प्रथमतया मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से दी जाती है। रसोइयों में आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपए की प्रति रसोई एकमुश्त राशि तथा आवर्ती संरचना के लिए प्रति रसोई प्रतिवर 3 लाख रुपए दिए जाते है।