अशोक गहलोत ने आज गुजरात के वडोदरा में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कभी भी गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों राज्यों में है। लेकिन आचार संहिता से हिमाचल में लगी है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव के इस माहौल में भी अपना हित साधना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 90 हजार करोड़ के कैंपेन की चिंता है।
चुनावी माहौल में हित साध रही भाजपा
उन्हें चुनाव के इस माहौल में भी विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करना है। जबकि हिमाचल में आचार संहिता लागू हो गई है। अशोक गहलोत ने कहा कि अशोक गहलोत ने कहा कि इलेक्शन कमीशन भी तब तक यहां पर आचार संहिता नहीं लगाएगा। जब तक नरेंद्र मोदी के सारे कार्यक्रम पूरे नहीं हो जाते। अशोक गहलोत ने कहा लेकिन कांग्रेस इस तरह से जमीन पर काम कर रही है। गुजरात से वह 27 साल के इस कुशासन को उखाड़ फेंके। अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किस तरह से राज्य में अव्यवस्था फैला रखी है।
इसकी बानगी कोरोना के बिगड़े हालातों से देखी जा सकती है। जिसकी पूरे देश में आलोचना हो रही है भाजपा ने अपने मंत्रिमंडल को ही नहीं। बल्कि अपने मुख्यमंत्री तक को बदल दिया। यह इनकी नाकारी की निशानी है यह बात भी समझ से परे है अशोक गहलोत ने कहा कि इस समय एंटी इनकंबेंसी अपने चरम पर है।
सत्ता में वापसी करेगी कांग्रेस
अशोक गहलोत ने कहा कि इस साल कांग्रेस पूरे दमखम से सत्ता में वापसी करेगी और अपनी सरकार बनाएगी अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में सरकार बनाना अलग बात है। लेकिन राज्य की राजनीति में पहुंच अलग बात है। जो कि कांग्रेस ने कर दिखाया है। भाजपा राज में संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गए हैं। इसके लिए कांग्रेस ने बीड़ा उठाया है। मैं भी गुजरात में आता-जाता रहूंगा। हम भाजपा की तरह नहीं है, हम बदले की भावना नहीं रखते। हम जमीन पर काम करते हैं। जिसका फल हमें जनता देती है। अशोक गहलोत ने सभी केंद्रीय संस्थाओं पर केंद्र के कथित दबाव की भी बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र को जिस से भी नुकसान होता है वह उसके घर में इनकम टैक्स के छापे पड़वा देती है। जो कि बेहद गलत है बेरोजगारी और महंगाई पर सरकार कुछ नहीं कर सकी। तो इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों पर छापे पड़ जाती है और उनकी आवाज को बंद करती है।