जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) के विरोध में आज राजस्थान के सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रहेगी। जिसमें निजी अस्पतालों के साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों से अटैच अस्पताल के सरकारी डॉक्टर्स भी शामिल है। इस कारण राज्य में पीएचसी, सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल, जिला हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी सर्विस बंद रहेगी। इस महाबंद को RMCTA, MCTAR सेवारत चिकित्सक संघ ने समर्थन दिया है। निजी अस्पताल पहले से ही पिछले 12 दिन से बंद चल रहे है। ऐसे में निजी अस्पतालों के कार्य बहिष्कार के बाद अब सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में भी इमरजेंसी व आईसीयू को छोड़ बंद का ऐलान किया गया है। इससे मरीजों को परेशानी हो सकती हैं। वहीं, राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर्स के आंदोलन को लेकर सरकार सख्त हो गई है। मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर राज्य सरकार तेवर बदलती दिख रही है।
सरकार ने मरीजों को तड़पता छोड़ आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, आईएमए और प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी के आह्वान पर प्रदेश में बुधवार को चिकित्सा सेवाएं ठप-सी रहेंगी।
आवश्यक सेवाएं निर्बाध चलाने के निर्देश
विभाग के संयुक्त सचिव ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि सभी आवश्यक सेवाएं निर्बाध चलती रहें। रोजाना कार्मिकों की सुबह 9.30 बजे हाजिरी भेजें। अवकाश स्वीकृत कराए बिना जाने वाले चिकित्सा कर्मियों को एब्सेंट मान उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। रेजिडेंट कर्तव्य के प्रति लापरवाही कर राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं या दुर्व्यवहार करते हैं तो उनका पंजीयन रद्द होगा।
चिकित्सा मंत्री की दो-टूक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इनका आंदोलन समझ से परे है। वहीं चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि बिल वापस नहीं होगा। चिकित्सक संगठनों को मंत्री ने कहा कि निजी अस्पताल चाहे तो चिरंजीवी योजना लागू करें या नहीं, उनकी मर्जी है। आमजन को बेहतर इलाज देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल है, यह तो लागू होगा। चिकित्सकों को कोई अधिकार नहीं है कि वह बिल वापस लेने की मांग करें। उन्होंने कहा, सरकारी चिकित्सक कामकाज बंद करते हैं तो सरकार भी सख्ती करेगी। खुद को कानून से ऊपर न समझें।
सीएम से वार्ता के लिए तैयार हैं चिकित्सक
आंदोलन को लेकर जेएमए सभागार में हुई बैठक के बाद चिकित्सकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सीएम से वार्ता करने को तैयार हैं। चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 2 दिन से रोजाना इस तरह की खबरें आ रही है की सीएम चिकित्सकों को वार्ता के लिए बुलाएंगे, लेकिन कोई बुलावा नहीं आया।
एसएमएस व संबद्ध अस्पतालों में मिलेगा इलाज
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि एसएमएस व इससे जुड़े अस्पताल में डॉक्टर्स ओपीडी समय में उपलब्ध होंगे। अस्पताल में इमरजेंसी और आईसीयू सेवाएं चालू रहेगी। प्रशासनिक कामकाज देख रहे डॉक्टर्स मरीजों को देखेंगे।