Rajasthan Politics : राजस्थान के सियासी बंवडर के बीच जलदाय विभाग के मंत्री महेश जोशी ने आज बड़े बयान दें। उन्होंने बीते रविवार को हुए पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया और साथ में ही कई सवाल भी मीडिया के जरिए आलाकमान से पूछे। महेश जोशी ने कहा कि इस पूरी प्रेस कांफ्रेंस में पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने गहलोत को ही मुख्यमंत्री पद पर रहने या गहलोत गुट के 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाने की बात दोहराई।
हमारी वफादारी पर शक किया गया
महेश जोशी ने कहा कि अजय माकन ने मुझे सभी विधायकों के साथ बैठक करने को कहा था। मैं तो रात भर विधायकों को फोन ही करता रहा था। लेकिन मुझे इस विधायक दल की बैठक का एजेंडा नहीं पता था। यहां तक कि मुझे यह भी नहीं पता था कि बाकी विधायक कहीं और बैठक करने गए हैं। मुझे इस बात की जरा भी खबर नहीं थी। अब आलाकमान हमारी वफादारी पर सवाल उठा रहे हैं। मैं बता दूं सवाल उस पर उठाया जाए जिसकी वफादारी पर शक हो। अगर हम वफादार नहीं होते तो राजस्थान जैसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं होती।
मैं अजय माकन की बात से आहत हूं
महेश जोशी ने कहा कि माकन यहां एक-एक नेता से बात करने आए थे। विधायकों की रायशुमारी लेने आए थे। लेकिन नेता के चयन के अलावा कभी भी विधायकों से रायशुमारी नहीं की जाती। मुझे लगा रहा है कि हम माकन की बात समझ नहीं पाए या माकन को हम समझा नहीं पाए। लेकिन उन्होंने हमारी निष्ठा पर सवाल उठाया इससे मैं आहत हूं। मैंने कितनी बार कहा है कि मैंने किसी को कहीं भी जाने को नहीं कहा। न ही हमने किसी पर कोई दवाब डाला, अगर किसी विधायक ने यह कहा है कि उस पर दबाव डाला गया है तो वह गलत है किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया है।
गहलोत ने हमारा अभिभावक बनने को कहा था
महेस जोशी ने में कहा कि अशोक गहलोत ने हम सबसे हमारा अभिभावक बनने को कहा था लेकिन वे तो राजस्थान को अकेला छोड़ रहे हैं। हमने अजय माकन के सामने यह सवाल किया था कृि अशोक गहलोत ने तो हमारा अभिभावक बनने को बोला था तो अब यह सब क्यों? हमने अजय माकन ने कांग्रेस के आलाकमान से हमारी बात पहुंचाने का आग्रह किया था। तो इस पर अजय माकन ने कहा कि एक प्रस्ताव पास कर दो हम आपका बात सोनिया गांधी तक पहुंचा देंगे। हम तो यह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि विधायक दल की बैठक में किसी तरह की कोई परेशानी हो।
आलाकमान अशोक गहलोत जब चाहे जो पद दे दे
महेश जोशी ने अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के लिए कहा कि आलाकमान चाहे तो गहलोत को नामांकन भरना चाहिए अगर इच्छा नहीं है तो नहीं करना चाहिए और अगर सोनिया और राहुल गांधी अगर गहलोत का इस्तीफा मांगते तो वे बिना एक क्षण गंवाए इस्तीफा पेश कर देते। मैं तो यह चाहता हूं कि आलाकमान मुझे नोटिस दे दे मैं तो अपनी सारी बात उस नोटिस में लिख दूंगा।
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