जयपुर। राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने शुक्रवार को सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोशी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। बजट सत्र से पहले ही महेश जोशी ने इस्तीफा दिया था, जिसे मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार देर शाम मंजूर किया है। वहीं इस्तीफे के बाद महेश जोशी ने बयान दिया है।
इस्तीफे को लेकर महेश जोशी का बयान आया सामने…
वहीं इस्तीफा देने के बाद जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने 3-4 महीने पहले इस्तीफे की पेशकश कर दी थी, एक पद एक व्यक्ति सिद्धांत के तहत पेशकश कर दी थी। आलाकमान का निर्णय शिरोधार्य है। अगर इसे कार्रवाई माना जाए तो भी मैं इसका सम्मान करता हूं। मैंने हमेशा आलाकमान के फैसले का आदर किया है।
मैं प्रेशर में काम करने वाला आदमी नहीं…
उन्होंने कहा कि मैं प्रेशर में काम करने वाला आदमी नहीं हूं। अगर मुझे आलाकमान की तरफ से कहा जाता, तो मैं इस्तीफा देने में बिल्कुल देर नहीं लगाता। इसके अलावा आगे भी आलाकमान मुझसे चाहेगा तो मुझे उनके आदेश की पालना करने में खुशी होगी। मुझे जो कुछ भी दिया गया है, वह मेरी पार्टी का है, मेरे आलाकमान का है। आलाकमान का जो आदेश होगा, वह मानने में मुझे खुशी होगी।
चलती विधानसभा के बीच हुआ फैसला…
उन्होंने कहा कि मेरे इस्तीफे पर चलती विधानसभा के बीच फैसला हुआ। इस्तीफा तो मैं बजट से पहले दे चुका हूं। मैं अक्टूबर से ही इस पद से मुक्ति देने के लिए कह रहा था। रंधावा जी ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना। मुझे इस बात की खुशी है, इस इस्तीफे से कार्रवाई भी हो गई और मेरी इच्छा भी पूरी हो गई। मुझे इंतजार अब इस बात का है कि जिन लोगों पर पार्टी के खिलाफ काम करने की और शिकायत हैं, उन लोगों पर अब क्या कार्रवाई होती है? सब कार्यकर्ताओं में बराबरी का संदेश जाए।