आज दिल्ली में हुई GST काउंसिल की बैठक में राजस्थान की तरफ से मंत्री सुभाष गर्ग ने मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने रखा। जिसमें उन्होंने टैक्सपेयर के लिए GSTR फाइलिंग की सुविधा के लिए एमनेस्टी स्कीम जारी कपना, लेट फीस माफ करने समेत कई सुझाव शामिल किए हैं।
सुभाष गर्ग करदाताओं के लिये वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर-4 एवं जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-10 की फाइलिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए लेट फीस कम करने के लिए एमनेस्टी स्कीम जारी करना प्रस्तावित है। साल 2021-22 की अवधि के लिये भरी जाने वाली जीएसटीआर-9 को छोड़कर समस्त रिटर्न और जीएसटीआर-1 जो 31 मार्च 2023 तक प्रस्तुत कर दी जायेगी, इसके विलम्ब के लिये देय और जमा लेट फीस के एसजीएसटी के पुनर्भरण करने के लिए घोषणा की है और जीएसटी काउंसिल से भी लेट फीस माफ करने के लिए अनुरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था।
एमनेस्टी स्कीम में जुडे़ ये प्रावधान
सुभाष गर्ग ने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान के प्रस्ताव के अनुरूप वार्षिक रिटर्न में दी गई लेट फीस की छूट के अतिरिक्त मासिक विवरण जीएसटीआर-1 एवं रिटर्न जीएसटीआर-3बी की फाइलिंग के लिए लेट फीस माफ करने के लिए भी इस एमनेस्टी स्कीम में प्रावधान किये जाने चाहिए, जिससे की ऐसे करदाता जो नवीन कर व्यवस्था की प्रारंभिक समस्याओं के कारण और कोविड महामारी के प्रभाव के कारण रिटर्न प्रस्तुत नहीं कर सके हैं किन्तु अपना व्यवसाय जारी रखना चाहते हैं वे अपना व्यवसाय कर आजीविका अर्जन कर सकें।
सुभाष गर्ग ने कहा कि जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन के लिए मंत्री समूह GoM की सिफारिशें विचार के लिए कांउसिल के समक्ष रखी गई हैं इस सम्बन्ध में राज्य का मत अपीलेट ट्रिब्यूनल पर गठित GoM की दोनों बैठकों में प्रस्तुत किया जा चुका है। जिसे 03.01.2023 को जीएसटी काउंसिल को भेजा गया था। जिसे स्वीकार करने के लिए फिर से अनुरोध करता हूं।
1- केन्द्र स्तर पर नेशनल बेंच और राज्य स्तर पर स्टेट बेंच की व्यवस्था बनाने पर सहमति बनायी जाये।
2- इसके अन्तर्गत सदस्य के रूप में दो ज्यूडिशियल सदस्य तथा दो तकनीकी सदस्य रखे जायें, जिसमें केन्द्र और राज्य दोनों का प्रतिनिधित्व हो ।
3- राज्य स्तर पर गठित होने वाली स्टेट बैंच में नियुक्ति के अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किये जाये।
4- राज्य स्तर पर गठित होने वाली स्टेट बैंच के लिये तकनीकी सदस्य (राज्य) की पात्रता के निर्धारण का अधिकार भी राज्य को दिया जाना चाहिए।
पैक्ट फूड का बढ़ा हुआ टैक्स वापस हो
सुभाष गर्ग ने मांग रखी कि 18. 07.2022 से आम जन के दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे पैक्ड चावल, आटा, सूजी, गुड, दही, लस्सी, छाछ इत्यादि पर जो कर भार में वृद्धि की गई है उससे आम जन का जीवन यापन में कठिनाईयां बढ गई हैं। इसलिए इस कर भार को वापस लिया जाए।
राज्य की जीएसटी कम्पनसेसन के मद में वर्ष 2021-22 की राशि रूपये 1662.84 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 (जून 2022 तक) की राशि रूपये 1350.01 करोड़ और इस प्रकार कुल रूपये 3012.85 करोड़ बकाया है। इस संबंध में अनुरोध है कि वर्ष 2021-22 के एजी सर्टिफिकेट जल्द आपेक्षित हैं। इस वर्ष से सबंधित कम्पनसेसन एजी सर्टिफिकेट पेश किये जाने के तुरन्त बाद इसी वित्तीय वर्ष में जारी किये जाने सबंधी निर्देश प्रदान करें और वर्ष 2022-23 का एजी सर्टिफिकेट जारी होने में समय लगेगा। इसलिए इस राशि का 90 प्रतिशत कम्पनसेसन प्रोविजनल रूप से जल्द इसी वित्तीय वर्ष में जारी किया जाये।