Jhunjhunun : 11 अगस्त को कश्मीर के राजौरी में आत्मघाती हमले में शहीद हुए झुंझुनूं के राजेंद्र प्रसाद भांभू का आज उनके पैतृक गांव मालीगांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद राजेंद्र के महज 7 साल के बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी, ये नजारा जिसने भी देखा वो अपने आंखों से आंसुओं को रोक नहीं पाया। शहीद के भाई ने राजेंद्र के 7 साल के बेटे को गोद में उठाकर मुखाग्नि की रस्में करवाई तो वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया।
पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद राजेंद्र प्रसाद भांभू का अंतिम संस्कार किया गया। देशभक्ति से भरी धुनों के बजने से इस माहौल को और भी ज्यादा गमदीन बना दिया, लेकिन इन सबके बीच लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाए, और अपने गांव के शहीद को अपनी श्रद्धांजलि दी। इससे पहले शहीद राजेंद्र भांभू के सम्मान में पूरे 20 किमी की तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
सेना के जवानों और अधिकारियों की मौजूदगी में जब तिरंगे में लिपटा शहीद राजेंद्र का पार्थिव शरीर जब दोपहर 12 बजे अपने गांव मालीगांव पहुंचा तो लोगों की भीड़ इकट्टठी हो गई। देश भक्ति की बजती धुनों को सुनकर हर कोई अपने घरों से बाहर निकल आया। पूरा गांव अपने लाल के आने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही उनकी पार्थिव देह उनके घर के सामने पहुंची, घर में रूदन शुरु हो गया। शहीद की मां और पत्नी तो बेसुध हो गईं।
उन्हें उनकी बेटी और बहन ने किसी तरह संभाला। वहीं 7 साल के बेटे की मासूमियत देख लोगों के आंखों से आंसू लुढ़क पड़े। 7 साल के बेटे ने अपने पिता की शहादत को सलाम किया। इसे बाद सेना के जवानों की मौजूदगी में अंतिम यात्रा और संस्कार की तैयारी शुरु की गई। राजेंद्र भांभू की बहन और बेटी भी श्मशान घाट पहुंची थीं, उन्होंने वहां शहीद को अपनी सलामी दी और उन्हें श्रद्धांजलि दी।