पार्टी महासचिव जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने आज भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में 11 वें दिन प्रेस कांफ्रेंस की। जयराम रमेश ने राजस्थान की राजनीति को लेकर पत्रकारों के पूछे गए सवाल पर दो टूक कहा कि हमारा संगठन ही सर्वोपरि है। हमारी प्राथमिकता किसी एक व्यक्ति को जिताने की नहीं बल्कि पार्टी को जिताना है।
प्रदेश में नहीं है कोई सियासी घमासान
प्रेस कांफ्रेंस में बदलाव के कारण पर जयराम रमेश ने कहा कि ये लंबी यात्रा है। 16 दिसंबर को भारत यात्री जयपुर जा रहे हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है। हमें 30 जनवरी तक जम्मू में पहुंचना है तो उस हिसाब से यात्रा का शेड्यूल बदलना पड़ रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रदेश के सियासी घमासान को लेकर उन्होंने कहा कि यहां कोई घमासान नहीं है। हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे, चुनाव जीतेंगे, सरकार बनाएंगे।
तीन नेताओं को नोटिस मामले पर जांच जारी
वहीं तीन नेताओं के नोटिस मामले पर उन्होने कहा कि जो प्रक्रिया है वो पूरी की जा रही है। अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, जांच चल रही है। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि हम एकजुट नहीं है। इसके बाद जयराम रमेश ने कहा कि हमें किसी एक व्यक्ति को नहीं पार्टी को जिताना है, संगठन सर्वोपरि है। यही हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री बाद में देखेंगे। कांग्रेस को जिताने के लिए सभी कांग्रेस नेता युद्धस्तर पर काम करे रहे हैं।
अल्बर्ट हॉल का नाम बदलने के संकेत
वहीं प्रेस कांफ्रेंस में अल्बर्ट हॉल का नाम बदलने के लिए भी संकेत दिए हैं। हालांकि अभी उन्होंने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि यह तो ऐसे ही मजाक में कही हुई बात थी, लेकिन इस पर विचार किया गया था। जयराम रमेश ने कहा कि कई लोग भारत जोड़ो यात्रा को चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं लेकिन यह कोई चुनाव जिताऊ यात्रा नहीं है। लेकिन इस यात्रा का एक मकसद है कि आर्थिक विषमताएं, सामाजिक ध्रुवीकरण और तानाशाही को देश से खत्म कर दी जाए। इसका विचार तो उदयपुर संकल्प बैठक में लिया गया था।
हम कमजोर पड़े हैं, हमें स्वीकारना होगा
जयराम रमेश ने कहा कि यहां बात चुनाव हारने या जीतने की नहीं है बल्कि यहां लड़ाई तो विचारधारा की है। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस विचारधारा से थोड़ा पीछे हट गई है। इसलिए RSS की विचारधारा लोगों में बैठ गई है। विचारधारा से लड़ना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं। गुजरात में हमारा प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। लेकि हमें इसे स्वीकार करना होगा। काफी देर से सत्ता में रहने के कारण हम ये प्रक्रिया भूल गए हैं। हम कमजोर हुए हैं हमें ये मानना होगा।