राजस्थान की राजधानी जयपुर में विधानसभा में एक सेमिनार का आय़ोजन किया गया। संसदीय लोकतंत्र के 75 साल पूरे होने पर आयोजित इस सेमिनार का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने किया। इस कार्यक्रम में देश की पहली डिजिटल म्यूजियम का भी लोकार्पण किया गया। जिसका शुभारंभ भी CJI रमन्ना ने किया। इस म्यूजियम में सूबे के मुखिया अशोक गहलोत का स्टेच्यू भी लगा है।
संग्रहालय के लोकार्पण पर सीएम गहलोत ने दी बधाई
डिजिटल म्यूजियम के इस लोकार्पण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में मौजूद सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम राज्य की राजनीति का परिचायक बनेगा। इसे पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि देश में इस समय लोकतंत्र के हालात ठीक नहीं है। कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट के 4 जज कहते हैं कि देश का लोकतंत्र खतरे में हैं, और फिर उसके बाद ही उनमें से एक रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन जाते हैं। गहलोत ने कहा कि मैं राष्ट्रपति से पूछना चाहता हूं कि रंजन गोगोई अब ठीक हैं या पहले ठीक थे? ये मेरी समझ से परे है। इसके बाद वे राज्यसभा के सांसद भी बन जाते हैं।
त्वरित न्याय के लिए कई स्तरों पर काम करने की जरूरत – CJI रमन्ना
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने सेमिनार में अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों में त्वरित न्याय के लिए कई स्तरों पर काम करने की जरूरत है। यहां तक कि इस कार्य में पुलिस की भी ट्रेनिंग और जेल सिस्टम को आधुनिक करने की आवश्यकता है।
बता दें कि इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस एस शिंदे मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट के जज अजय रस्तोगी और दिनेश माहेश्वरी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम हुआ। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी इस सेमिनार में हिस्सा लिया। वे भी मंच पर आसीन रहे। इसके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई लोग मौजूद रहे।