Jaipur : कोरोना के चलते दो सालों तक डिग्गी कल्याण पदयात्रा पर रोक लगी थी। लेकिन इस बार छूट मिलने से इस यात्रा को आज से शुरू कर दिया गया। जयपुर के ताड़केश्वर मंदिर से टोंक स्थित डिग्गीपुरी में कल्याणजी मंदिर तक यह यात्रा होती है। इस बार की 57वीं लक्खी पदयात्रा को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टोंक विधायक सचिन पायलट ने जयपुर के ताड़केश्वर मंदिर से रवाना की। जिसके बाद हाथों में ध्वज थामे पदयात्रियों ने डिग्गी राजा के गीत गाते हुए यात्रा शुरु की।
जगह-जगह पदयात्रियों के लिए भंडारे का आय़ोजन
डिग्गी कल्याण पदयात्रा के यात्रियों के लिए कई सामाजिक संगठनों ने जलपान और भोजन का प्रबंध किया है। जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया है। बड़े-बड़े पांडाल लगाकर कई लोग यात्रियों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं। जयपुर में कई जगह भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, टोंक रोड, चौड़ा रास्ता, गोपालपुरा बाइपास पर एक लाइन से भंडारे के पांडाल लगाए हैं। जहां पर कई तरह के पकवानों तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा कई तरह की झांकिया भी यात्री निकाल रहे हैं।
7 अगस्त को एकादशी के दिन डिग्गी पहुंचेगी यात्रा
जयपुर की यह लक्खी यात्रा आज से शुरू हो गई है। अब 7 अगस्त को एकादशी के दिन यह यात्रा डिग्गीपुरी पहुंचेगी। डिग्गी स्थित कल्याणजी मंदिर जयपुर से 83 किलोमीटर और टोंक से 65 किलोमीटर है। इस मंदिर में लाखों की तादाद में पैदल यात्री मंदिर में पहुंचेंगे। इस यात्रा में सिर्फ जयपुर से ही नहीं बल्कि सीकर, दौसा, सवाई माधोपुर जिलों के यात्री भी आएंगे। इसके अलावा आज कई गांव -ढाणियों से पैदलयात्री जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर में पहुंचे थे। वहां से डिग्गी के लिए रवाना हुए।
क्या है डिग्गी पदयात्रा
डिग्गी पदयात्रा में कई जिलों के श्रद्धालू शामिल होते हैं। यह मेला आज यानी षष्ठी से शुरु हुआ जो कि एकादशी तक भरेगा। यहां हम आपको डिग्गी यात्रा के इतिहास के बारे में बता रहे हैं। दरअसल भगवान कल्याण को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। भगवान कल्याण जी का मंदिर टोंक के डिग्गीपुरी में स्थित है। इस मंदिर को आज से लगभग 6 हजार साल पहले इस क्षेत्र के तत्कालीन राजा डिगवा ने बनवाया था। ऐसा कहा जाता है कि राजा डिगवा एक शाप के चलते कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे। राजा ने कई जगह अपना इलाज कराया, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने स्वर्ग से एक आवाज सुनी कि वे एक बार डिग्गी में भगवान कल्याण जी का मंदिर बनवा देें तो उनकी बीमारी हमेशा के लिए ठीक हो जाएगी।
राजा ने आकाशवाणी के अनुसार ही काम किया। उन्होंने कल्याण जी का मंदिर बनवाया और कुछ दिनों में उनकी बीमारी ठीक हो गई। इसके बाद से ही डिग्गी स्थित कल्याण जी के मंदिर के दर्शनों के लिए लोग दूर-दूर से आऩे लगे, उनकी मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती गईं। धीरे-धीरे इस यात्रा ने पदयात्रा का रुप ले लिया। इस यात्रा को जयपुर से शुरु किया जाता है जो कि शहर की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी यात्राओं में शामिल हैं।