जयपुर। राज्य की 16897 निर्वाचन के योग्य एवं निर्वाचन ड्यू सहकारी समितियों में से सितम्बर, 2022 तक 12 हजार 777 सहकारी समितियों का निर्वाचन करवाया जा चुका है। जिसमें से 18 जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों एवं 6834 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का भी निर्वाचन कार्य पूरा हो चुका है। 4 हजार 746 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भी चुनाव पूर्ण करवाये गये हैं। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव 11 वर्ष के पश्चात हो रहें है। यह जानकारी गुरूवार को प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्रेया गुहा ने दी।
7 हजार 255 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में से 4776 का निर्वाचन हुआ पूरा
श्रेया गुहा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की भावना मजबूत करने के लिए आगे भी समयबद्ध रूप से चुनाव करवाये जाएंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट 2022-23 में निर्वाचन योग्य सहकारी समितियों में चरणबद्ध रूप से चुनाव सम्पन्न कराये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की गई थी तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में स्थानीय लोगों को प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए वार्ड का गठन किया गया है और पहली बार चुनाव वार्ड पद्धति के अनुसार हो रहे है।
निर्वाचन से शेष 2509 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नवम्बर माह तक पूरे होंगे चुनाव
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि शेष 2509 ग्राम सेवा सहकारी समितियों का निर्वाचन कार्य भी नवम्बर, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद केन्द्रीय सहकारी समितियों जैसे केन्द्रीय सहकारी बैंकों, क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के निर्वाचन दिसम्बर, 2022 में शुरू किए जाएंगे तथा निर्वाचन योग्य शीर्ष सहकारी समितियों के निर्वाचन जनवरी, 2023 में प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निर्वाचन योग्य प्राथमिक सहकारी समितियों एवं निर्वाचन से शेष 5 जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों के निर्वाचन अक्टूबर, 2022 में करवाये जाएंगे।
पहली बार वार्ड वार चुनाव संचालक मंडल में 87 हजार सदस्य चुनने की प्रक्रिया जारी
गुहा ने बताया कि कुल 7255 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में चुनाव के दौरान प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के रूप में दो पदाधिकारी निर्वाचित हो रहे है। इस प्रकार 14 हजार 510 पदाधिकारियों का निर्वाचन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति के संचालक मंडल में 12 सदस्यों का निर्वाचन होगा। जिसमें से एक अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति तथा 2 महिला सदस्य होगी। इस प्रकार राज्य की 7255 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के संचालक मंडल के कुल 87 हजार 60 सदस्य निर्वाचित होंगे, जिसमें से 7255 – 7255 अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्य तथा 14 हजार 510 महिला सदस्य निर्वाचित होंगी।