सीएम गहलोत बारां से जयपुर वापस आ गए हैं। बारां में आज सुबह उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम के लाभार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने लाभार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। यहां आए लोगों ने अशोक गहलोत का बेहद अलग अंदाज में धन्यवाद किया। दरअसल प्रतिनिधिमंडल ने लयबद्ध सुरों में गाया- ‘जादूगर का जादू है कमाल है..करते हो तुम कैसे सबका ये सवाल है।’
पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से खुश हुए लोगों का यह अंदाज देखकर सीएम गहलोत काफी खुश नजर आए। सीएम से मिले लाभार्थियों ने कहा कि जब आपने पूरे राजस्थान में यह योजना लागू की थी, उस दिन बारां में सभी लाभार्थियों ने मिलकर एक साथ जश्न मनाया था। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आपने इस योजना को लागू कराकर हम सभी का आगे का जीवन बेहद सुकून भरा कर दिया। हमारे परिवार, हमारे बच्चों के लिए यह योजना बेहद लाभकारी है। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए आपके ऋणी रहेंगे।
लाभार्थियों को इस तरह उत्साहित देखकर अशोक गहलोत ने कहा कि ये आपकी बिना मांगे हुई मांग पूरी हुई है। आपके लिए यह योजना बहुत जरूरी थी जिसे मैंने समझा और लाख दुश्वारियों के बाद इसे लागू करवाकर ही माना। अशोक गहलोत ने कहा कि ये योजना लागू करने वाला राजस्थान पूरे देश में पहला राज्य बन गया है। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आपको देखकर अब दूसरे राज्य भी इस योजना को लागू करने के लिए मजबूर हो गए हैं। इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि जिन 3 राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का दावा करने वाले ये 3 राज्य झूठ बोल रहे हैं। कल मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश ने इस योजना को लेकर झूठ बोला है उन्होंने कहा कि अभी ये योजना पूरी तरह से लागू नहीं की है। अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे यहां तो इस पेंशन से लाभ लेने वाले लोगों की संख्या तो 100 के पार भी पहुंच गई।
ओल्ड पेंशन स्कीम है ज्वलंत मुद्दा
बता दें कि पुरानी पेंशन स्कीम योजना को लागू करना पूरे देश में एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। इस पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था औऱ राष्ट्रीय पेंशन योजना के रूप में बदल दिया गया था। इसके बंद होने पर पूरे देश में आंदोलन चलाया जा रहा था। कई राज्यों में इसे दोबारा लागू करने की मांग लगातार उठाई जा रही है। इसके बीच राजस्थान ने इस योजना को फरि से लागू कर पूरे देश में पहला राज्य बन गया है। जिसके बाद अब दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग और आंदोलन दोनों तेज हो गए हैं। चुनावी माहौल में बनी इस हालात को भांपते हुए हिमाचल प्रदेश औऱ पंजाब ने भी इस योजना को दोबारा लागू करने के लिए मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है।