मोरबी पुल हादसे 9 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रशासन ने चीफ फायर ऑफिसर संदीप सिंह जाला को सस्पेंड कर दिया गया है। इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल की मीटिंग की थी। जिसके बाद कार्रवाईयों का दौर शुरू हो गया है।
पहले इन 9 लोगों की हुई गिरफ्तारी
सबसे पहले प्रशासन ने 9 लोगों की गिरफ्तारी की थी। इनमें पुल का प्रबंधक, प्रबंधन पर्यवेक्षक, दो टिकट क्लर्क, तीन सिक्योरिटी गार्ड और दो ठेकेदार शामिल हैं। इन्हें पहले हिरासत में लिया गया था जिसके बाद इन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों पर घटना के संबंध में गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की 304 व 308 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुआवजे पर राजनीति
पीड़ित परिवारों को अब तक छह लाख रुपए की मदद दी गई है। जिसमें 4 लाख रुपए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और 2 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड के तहत दिए गए हैं।लेकिन इस मुआवजे की राशि पर भी राजनीति जमकर हो रही है। विपक्ष के नेता आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा सरकार अब मौतों पर भी राजनीति कर रही है। उसे यह मौतें छोटी लग रही है। क्योंकि निर्दोष लोगों की कोई गलती नहीं थी फिर भी सरकार के भ्रष्टाचार की बलि इन लोगों की जान के रूप में दी गई। अब मुआवजे में भी सरकार मनमर्जी कर रही है।
चुनाव में बनेगा मुद्दा
मोरबी हादसे को मुद्दा बनाकर चुनाव में उछालने की बात इसलिए भी कही जा रही है क्योंकि चुनाव के इस दौर में पॉलिटिकल पार्टियां सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है और ताबड़तोड़ दौरा कर जनता को जनता से समर्थन देने की अपील कर रही हैं। मोरबी का हादसा भावनात्मक रूप से लोगों से जुड़ चुका है। इसलिए अब इस मामले में इमोशनल कार्ड भी खेला जा सकता है। कांग्रेस और आप का कहना है कि बीजेपी सरकार फिटनेस सर्टिफिकेट के बगैर उनको लोगों के इस्तेमाल के लिए कैसे खोल सकती है। उन्होंने इसकी इजाजत कैसे दी। कांग्रेस और आप ने यहां तक आरोप लगाया कि बीजेपी आचार संहिता लगने से पहले कुछ भी कर वोट बटोरने की फिराक में लगी हुई है।