राजस्थान में जब से ओपीएस लागू हुई है तब से पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। एक तरफ हिमाचल और पंजाब जैसे राज्य इसे दोबारा लागू कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वित्त आयोग समेत कई अर्थशास्त्री इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बता रहे हैं। वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार को नोटिस भी भेजा है और जवाब मांगा है।
आज डेढ़ लाख की क्या कीमत हैं..
लेकिन इस मामले पर सीएम गहलोत अपना नजरिया कई बार साफ कर चुके हैं। अलवर में भारत जोड़ो यात्रा की प्रेस कांफ्रेंस में अशोक गहलोत ने ओपीएस का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ओपीएस को गलत बता रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जब से देश आजाद हुआ तब से यह पेंशन मिल रही है, लोगों को लगता है कि एक व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपए पेंशन मिल रही है। लेकिन आप सोचिए आज डेढ़ लाख रुपए की क्या कीमत रह गई है यह तो अनुचित है।
वित्त विशेषज्ञ भी दबाव में…
सीएम ने कहा कि कई वित्त विशेषज्ञ आज मेरे खिलाफ आर्टिकल लिख रहे हैं शायद वो भी दबाव में होंगे। आजकल दबाव में होने के बाद हर किसी को ऐसा करना पड़ा रहा है। तो आप किस दिशा में देश को ला रहे हैं आप सोचिए। सेना में अलग-अलग पेंशन दे रहे हैं, BSF में अलग दे रहे हैं, वे लोग कह रहे हैं कि ये क्या हो रहा है। अब ये अग्निवीर लेकर आ गए हैं। 4 साल की ठेकेदारी वाली नौकरी दे रहे हैं। लेकिन कोई इस बारे में बोल नहीं रहा है, क्यों कि बोलेंगे तो रिटायर कर दिए जाएंगे।
लोगों में केंद्रीय एजेंसियों का दबाव नहीं ‘डर’
सीएम ने कहा कि लोगों में अब केंद्रीय एजेंसियों का दबाव नहीं बल्कि डर है। क्योंकि अब हो रहा है कि जहां चुनाव होते हैं उनकी लिस्ट इन एजेंसियों को थमा दी जाती है कि जाओ यहां छापा मारो। यह बहुत ही गलत है। बताइये जब कांग्रेस की सरकार थी, तब आए दिन इस्तीफे देने पड़ते थे किसी न किसी मुद्दे को लेकर। लेकिन क्या इन 8 सालों में किसी का इस्तीफा आया है। अब हम बजट लाने जा रहे हैं। उज्जवला योजना के लोगों को हमने 500 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा कर चुके हैं इसी तरह बजट में हम ऐसी कई घोषणआएं करेंगे जिसमें हम किसी न किसी तरह से महंगाई का बोझ लोगों पर से हल्का कर सकें।